न्यूज़ अरोमा रांची: Para Teacher Jharkhand (पारा शिक्षक) राज्यभर के 65 हज़ार पारा शिक्षक सेवा स्थायीकरण, वेतनमान और नियामवली की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
इससे पहले भी राज्यभर के पारा शिक्षकों का जमावड़ा रांची में लग चुका है। मांग को लेकर आंदोलनरत पारा शिक्षकों को सूबे के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के बयान से जोर का झटका लगा है।
जहां विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्रीजी ने अब नई नियमावली के तहत झारखंड में शिक्षकों की नियुक्ति की बात कह दी।
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि पिछली सरकार की नियमावली की खामियों के कारण 600 से ज्यादा केसेज कोर्ट में पेंडिंग हैं, जिनके निपटारे के लिए सरकार नई नियमावली बना रही है इसी के आधार पर अब शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
साथ ही आंदोलन उग्र आंदोलन करने की भी बात कही है। बता दें कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मोर्चा के बैनर तले राज्य भर के पारा शिक्षकों का पांच दिवसीय विधानसभा घेराव कार्यक्रम चल रहा है।
बोले मंत्री-टेट सिर्फ पात्रता परीक्षा है, इसी आधार पर नहीं हो सकती नियुक्ति
भानू प्रताप शाही के जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि टेट सिर्फ एक पात्रता परीक्षा है। केवल इसी आधार पर नियुक्ति नहीं होती है।
इसके लिए नियमावली तैयार की जा रही है। यह प्रक्रियाधीन है।
इसके बनने के बाद ही नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से टेट की नियुक्ति करने और नहीं करने के मामले में कुछ भी नहीं कहा।
विधानसभा में बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने सरकार से टेट पास शिक्षकों के खाली पदों पर सीधी नियुक्ति की मांग की। उन्होंने कहा कि इसमें विपक्ष भी सहयोग करेगा।
तो सीधी नियुक्त क्यों नहीं
टेट पास शिक्षक पिछले एक दशक से पढ़ा रहे हैं। उनके अंदर काबिलियत भी है तो उनकी सीधी नियुक्त क्यों नहीं कर दी जाती।
सरकार हां या न में जवाब दें।विधानसभा के प्रश्न काल के दौरान भानू प्रताप शाही और मिथिलेश ठाकुर के बीच सवाल-जवाब का दौर चला। भानू प्रताप शाही ने कहा कि सरकार मानती है कि उनके पास शिक्षकों की कमी है।
बता दें की आज तीसरे दिन पारा शिक्षक यहां जमकर नारेबाजी कर रहे हैं और सरकार को स्थायीकरण, वेतनमान और नियमावली को लेकर अंतिम निर्णय लेने को कह रहे हैं।
आंदोलन के उग्र होने का अंदेशा जताते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं, वहीं आज कई जिलों से आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए लोग रांची पहुंचे हैं।
स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों ने पांच दिवसीय आंदोलन की शुरुआत 15 मार्च से कर दी है।
बता दें कि झारखंड में प्राइमरी और हाई स्कूलों में 39 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें 5934 शिक्षकों के पद राज्य के हाई स्कूलों में खाली हैं।
वहीं 33853 शिक्षकों के पद 1-8वीं कक्षा के स्कूलों में रिक्त हैं। राज्य के 1,336 अपग्रेडेड हाई स्कूलों में जहां एक में भी प्रधानाध्यापक नहीं हैं। वहीं 95 परसेंट मिडिल स्कूलों भी प्रधानाध्यापक नहीं हैं।
आंदोलन में शामिल होने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी
सरकार की ओर से आंदोलन में शामिल होने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी गयी है।
राज्य के शिक्षा परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर कहा है कि कोरोना संकट के कारण लंबी अवधि के बाद स्कूल खुलें हैं, तब पढ़ाई सुनिश्चित करने के बजाए आंदोलन करना उचित प्रतीत नहीं होता।