नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों और कार्यवाही की प्रमाणित प्रतियां लोगों को घर पर ही और बगैर संपर्क के उपलब्ध करने के लिए अपनी वेबसाइट पर वेब आधारित ‘ई-कॉपीइंग’ सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया है।
शीर्ष न्यायालय ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि अब हितधारकों के लिए यह जरूरी नहीं होगा कि वे रजिस्ट्री के काउंटर पर चल कर आएं और इस तरह की प्रतियां पाने के लिए आवदेन दें।
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर ई-कॉपीइंग साफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया है, जो हितधारकों को इस तरह की प्रतियां सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के तहत प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
प्रेस नोट में कहा गया है कि इस नई व्यवस्था के आने से मौजूदा नियमों में बदलाव नहीं होने जा रहा है, बल्कि प्रमाणित प्रतियां पाने के लिए आवेदन करने का यह एक अतिरिक्त ऑनलाइन तंत्र होगा।
साथ ही, यह भी बताया गया है कि यूजर को एसएमएस और ईमेल के जरिए उसके अनुरोध की स्थिति एवं प्रगति से अवगत कराया जाएगा।
वेबसाइट पर एक यूजर गाइड भी उपलब्ध होगी।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर ई कापिइंग टैब पर क्लिक करते ही आपके सामने एक नया पेज खुलेगा।
यहां आपसे पूछा जाएगा कि आप संबंधित मामले में वकील हैं, पक्षकार हैं, अपीयरिंग काउंसल हैं या फिर एओआर से अधिकृत हैं।
इसमें से कोई भी ऑप्शन चुनने के बाद आपका फोन नंबर पूछा जाएगा।
बताया गया कि संबंधित के आवेदन पर उसे ईमेल आईडी पर कार्यवाही की कॉपी दी जाएगी।
आवेदन करने वाले शख्स को मैसेज के जरिए उसके आवेदन की स्थिति के बारे में जानकारी मिल सकेगी।