धनबाद: सरकार के निजीकरण प्रयासों के विरोध में बैंक कर्मचारियों के बाद अब भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारी भी गुरुवार को हड़ताल पर रहे।
हड़ताल के दौरान देश की कोयला राजधानी धनबाद स्थित एलआईसी की आठ शाखाए बंद रहींं, जिससे धनबाद में करीब 10 करोड़ का करोबार प्रभावित हुआ।
कर्मचारियों की यह हड़ताल एलआईसी के विनिवेश से जुड़े सरकार के प्रस्ताव के विरोध में है।
हड़ताल को सफल बनाने को लेकर बंद समर्थकों ने गुरुवार को जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक एक जुलूस निकाला, जो बाद में एक सभा में तब्दील हो गया। इसमें मजदूर संगठन के नेता भी शामिल थे।
इस दौरान संयुक्त मोर्चा के नेता हेमंत मिश्रा ने कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नहीं है, बल्कि यह प्रत्यक्ष विदेशी हस्तक्षेप है और आम आदमी की बचतों को लूटने की साजिश है। हम इस लूट को रोकेंगे।
नीरज कुमार ने कहा कि समय पर वेतन पुनरीक्षण मिलना मजदूरों का हक है।
एलआईसी और जीआईसी में कार्यरत कर्मियों ने कोरोना काल और मंदी की अवधि में भी शानदार काम किया है।
ऐसे में प्रबंधन और सरकार से अविलंब वेतन पुनरीक्षण की मांग की गई।