नई दिल्ली: मोदी सरकार ने बताया कि लॉकडाउन के समय में 23 लाख से अधिक शिक्षकों ने निष्ठा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण के लिए अपना पंजीकरण कराया। जिन्हें 18 माड्यूलों के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक’ ने राज्यसभा में बताया निष्ठा कार्यक्रम शिक्षकों के प्रशिक्षण का दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है, जिसके तहत पिछले साल 17 लाख से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने बताया कि कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के समय में भी 23 लाख से अधिक शिक्षकों ने प्रशिक्षण के लिए अपना पंजीकरण कराया और उन्हें 18 माड्यूलों के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के उद्देश्य से आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए चलाई जा रही एकीकृत योजना के तहत करीब 15 लाख 50 हजार सरकारी एवं निजी स्कूल शामिल हैं।
निशंक ने बताया कि देश में छात्र शिक्षक अनुपात प्राथमिक स्कूल स्तर पर 26:1, उच्च प्राथमिक स्तर पर 22:1, माध्यमिक स्तर पर 21:1 और उच्च माध्यमिक स्तर पर 24:1 है।
उन्होंने कहा कि यह एक बेहतर अनुपात है तथा इसमें और अधिक सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए अध्यापकों की नियुक्ति भी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा कोसुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकारों की मदद से ‘‘समग्र शिक्षा ’’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
एक प्रश्न के उत्तर मे मंत्री ने कहा कि कोविड काल में भी दिव्यांगों की शिक्षा बाधित नहीं हुई। उन्होंने कहा ‘‘अमेरिका की कुल आबादी से अधिक संख्या भारत में छात्र छात्राओं की है।