धनबाद: धनबाद मंडल के रेलकर्मी अब अपने पुराने पदस्थापना वाले स्टेशन पर आवंटित आवास रेल शाखा अधिकारी से विधिवत अनुमति प्राप्त कर रख सकेंगे। इसके लिए उनसे अतिरिक्त किराया या डैमेज रेंट की कटौती नहीं की जाएगी।
यह जानकारी ईसीआरकेयू के मीडिया प्रभारी एन के खवास ने गुरुवार को दी।
उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में वैसे रेलकर्मी जो दूसरे स्टेशन पर स्थानांतरित कर दिए गए थे और पूर्व पदस्थापना वाले स्टेशन पर रेल आवास रखे हुए थे, उन्हें रेल प्रशासन ने नियमानुसार अवैध मानते हुए लगभग 300 रेलवे कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था।
साथ ही उन पर रेल आवास खाली करने का दबाव बनाया था। इसका रेलवे यूनियन ईसीआरकेयू ने कड़ा विरोध किया था।
साथ ही धनबाद मंडल की भौगोलिक स्थिति , विषम परिस्थितियों में कार्य करने की बाध्यता तथा नए पदस्थापना वाले स्टेशन पर रेल आवासों का उपलब्ध नहीं होने आदि तर्क के आधार पर निलंबित रेलवे कर्मचारियों को कार्य पर लेने की मांग रखी थी।
खवास ने कहा कि इस मामले पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाने की मांग रखी थी।
ईसीआरकेयू के अपर महामंत्री डी. के. पांडेय के नेतृत्व में अपर महामंत्री मो ज़्याउद्दीन, सहायक महामंत्री ओम प्रकाश तथा केन्द्रीय कोषाध्यक्ष ओ. पी. शर्मा ने प्रशासन के समक्ष आवास की समस्या के समाधान के लिए हुए बैठक में विभिन्न तथ्यों को विस्तार से रखा।
इनमें मंडल के अंतर्गत वहां उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर कुछ स्टेशनों को रिमोट लोकेशन अधिसूचित कर पूर्व के स्टेशन पर रेल आवास सामान्य किराए पर रखने की अनुमति देने की मांग की।
इसी के तहत मंडल प्रशासन ने मुख्यालय के स्वीकृति के बाद दिनांक 15 मार्च को पत्र जारी किया है।
इस आदेश के जारी किए जाने से अधिसूचित स्टेशनों पर पदस्थापित वैसे रेलवे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है जो अपने पूर्व के स्टेशन पर आवंटित आवास को पारिवारिक कारणों से खाली नहीं कर पाए हैं।
इस आदेश पारित होने से रेल कर्मियों को राहत के साथ खुशी का भी माहौल है।
इस दौरान डीके पांडेय, मो. जियाउद्दीन, ओपी शर्मा, ओम प्रकाश, एके दा, एनके खवास, टीके साहू, सोमेन दत्ता, चमारी राम, बीके दुबे, प्रशांत बनर्जी, जेके साहू और एके दास आदि शामिल थे।