नई दिल्ली: विधानसभा संसद से पास कानून की आलोचना करने वाला प्रस्ताव पारित कर सकती है या नहीं, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि केंद्रीय सूची के विषय पर विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती।
जो मामला कोर्ट में लंबित हो उस पर भी प्रस्ताव रखने की अनुमति नियम नहीं देते।
तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि और रिसर्च कीजिए। हम चार हफ्ते बाद सुनवाई करेंगे।
याचिका में नागरिकता संशोधन और किसान बिल का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के विषय होने के बावजूद जब संसद ने कानून पास किया तो कई राज्यों ने इसके खिलाफ अपनी विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया जो कि असंवैधानिक है।