पटना: बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने यहां शुक्रवार को कहा कि बिहार इथेनॉल उत्पादन का हब बनेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार फिलहाल, सड़क, बिजली, पानी में आगे है लेकिन अब वह दिन दूर नहीं जब यह उद्योग के मामले में भी आगे होगा।
इथेनल उत्पादन प्रोत्साहन नीति का लोकार्पण करते हुए प्रदेश के उद्योग मंत्री हुसैन ने कहा है कि, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की सत्ता संभालने के बाद ही इथेनॉल पर काम करना चाहते थे, लेकिन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
एक प्रकार से हम कह सकते हैं कि नीतीश की सोच पर नरेंद्र मोदी की सरकार ने मुहर लगा दी।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह के समय में हुए औद्योगिक विकास के स्वर्णिम युग को फिर से नीतीश कुमार की सरकार वापस लाएगी।
यह इथेनल पलिसी मुख्यमंत्री के दूर ²ष्टि और विकास के प्रति उनके सकारात्मक नजरिए की देन है।
उन्होंने कहा कि बिहार में अभी केवल 12 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता है। सरकार की सोच देश में सबसे ज्यादा इथेनॉल उत्पादक वाला राज्य बनाना है।
मंत्री हुसैन ने कहा कि इथेनल से भारत को अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए विदेशी मुद्रा खर्च नहीं करनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि इसे बिहार के किसानों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा, एक तरह से वह मक्का और गन्ना इथेनल उत्पादन के लिए देंगे और इसके बदले उन्हें अच्छी खासी रकम मिलेगी। राज्य में करीब 40 लाख टन मक्का पैदा होता है, जिसमें से अधिक बाहर चला जाता है।
यहीं पर इसका उपयोग होने से किसानों को फायदा होगा।
इस मौके पर उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने कहा कि इथेनॉल के क्षेत्र में निवेश के लिए तीस बड़े प्रस्ताव आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव भारत सरकार और राज्य की निवेश प्रोत्साहन परिषद के माध्यम से आए हैं।
उन्होंने कहा कि इथेनल उत्पादन के लिए हमारे पास कच्चा माल उपलब्ध है। यहां मक्का 40 लाख टन, गन्ना 160 लाख टन, धान 82 लाख टन हो रहा है।