Ranchi/रांची: झारखंड के सभी प्लस टू स्कूलों में स्थानीय भाषा के शिक्षकों का पद सृजित किया जाएगा। बंधु तिर्की के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने ये जानकारी बजट सत्र के आखिरी दिन मंगलवार को सदन में कही।
मंत्री ने बताया कि पद का सृजन कर सरकार जल्द ही बहाली करेगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्लस टू स्कूलों में स्थानीय भाषा के शिक्षकों का पद नहीं है।
स्टीफन मरांडी ने कहा कि जब प्राथमिक स्तर पर स्थानीय भाषा की पढ़ाई होती ही नहीं तो फिर पीजी में पढ़ाई का क्या फायदा। उन्होंने हर स्तर पर स्थानीय भाषा की पढ़ाई अनिवार्य करने की मांग की है।
मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में सरकार सर्वे करने के बाद पद सृजन और नियुक्ति पर विचार करेगी।
बंधु तिर्की ने पीजी विभाग में संचालित नौ जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षक की कमी का मामला उठाया था।
सरकार ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के 29 और जनजातीय भाषा के 9 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है।
सरकार के द्वारा दिये गए जवाब में बताया गया है कि राज्य में स्थानीय भाषा के कुल 1278 पद सृजित हैं।
अबतक 812 पद खाली
अब तक 812 पद खाली हैं। 2008 में 68, 2011 में 74, 2016 2017 में 324 पदों पर नियुक्ति की गई है जबकि तीनों नियुक्ति मे 495 पदों की अनुशंसा की गयी थी।
बताया गया कि कुल अनुशंसित सीटों के विरुद्ध सभी सीटों को इसलिये नहीं भरा गया क्योंकि अभ्यर्थी अहर्ता पूरा नहीं कर सके थे।
प्रदीप यादव ने बताया कि सरकार कहती है कि छात्र नहीं हैं इसलिए बहाली नहीं की जानी चाहिए।
जेएसएससी द्वारा मांगे गए अधियाचना को यही बोल कर रोक दिया गया।
उन्होंने बताया कि जब शिक्षक नहीं रहेंगे तो छात्र कहां से आएंगे। पहले शिक्षक आएंगे तब तो छात्र आएंगे न। सरकार को ये समझना चाहिये।