रामगढ़: फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के आह्वान पर गुरुवार को केंद्रीय कर्मचारी एकदिवसीय हड़ताल में शामिल हुए।
केंद्रीय कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से एक अकेले रामगढ़ जिले में सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति हुई है।
केंद्रीय कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर यह हड़ताल किया था। केंद्रीय कमेटी ने 12 सूत्री मांगे केंद्र सरकार के समक्ष रखी थी।
लेकिन उन मांगों पर केंद्र सरकार ने अमल नहीं किया। केंद्र सरकार की उदासीन रवैए के खिलाफ 12 सूत्री मांगों के समर्थन में एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल सफल भी हुआ।
केंद्रीय कर्मचारियों की हड़ताल में अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ, कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स संगठन ने अपना समर्थन दिया है।
12 सूत्री मांगों में नई पेंशन स्कीम को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, कर्मचारियों को महंगाई भत्ता एवं पेंशनर्स को महंगाई राहत के आदेश को वापस लेने, एरियर का भुगतान समय पर करने, 8 वें वेतन आयोग के गठन से वेतन एवं भत्तों का भुगतान करने, 30 जून को सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को नेशनल वेतन वृद्धि देने, नए पदों के सृजन पर लगाई गई रोक को हटाने, सभी केंद्रीय सरकारी विभागों का निजीकरण बंद करने, लॉकडाउन की अवधि को ड्यूटी मानकर सभी कांट्रेक्ट कर्मचारियों को लॉकडाउन अवधि का पूरा वेतन देने, समान काम का समान वेतन देने, कर्मचारी के आकस्मिक निधन पर 5% की भर्ती की शर्त को हटाने, ग्रुप बी व सी कर्मचारियों को सर्विस में पांच समय वृद्धि वेतन दिए जाने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक कर्मचारी संघ के रामगढ़ शाखा अध्यक्ष नसीम अख्तर ने बताया कि जीडीएस कर्मचारियों को 180 दिनों का अवकाश संचय करने तथा अवकाश का नगद भुगतान करने का मुद्दा काफी अहम है।
सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। सिंगल हैंड बीपीएम को कंबाइंड ड्यूटी भत्ता देना चाहिए।
लेकिन सरकार इन गंभीर विषयों पर पहल नहीं कर रही है। धरना प्रदर्शन में सुनील कुमार सिंह, कमलेंद्र कुमार दुबे सहित कई लोग शामिल थे।
इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन हजारीबाग डिवीजन के अध्यक्ष मनोज कुमार पोद्दार ने कहा कि केंद्रीय निर्णय के अनुसार भारत बंद के समर्थन में रामगढ़ शाखा की ओर से अपनी मांगों के अनुसार एकदिवसीय बंदी का समर्थन किया गया।
इंश्योरेंस इंप्लाइज की मुख्य मांगों में वेतन निर्धारण जल्द करने, सरकारी संस्थानों एवं परिसंपत्तियों का विनिवेशिकरण एवं निजी करण बंद करने, मजदूरों एवं किसानों का शोषण बंद करने और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को शामिल किया गया है।
हड़ताल को सफल बनाने के लिए कर्मचारियों ने कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना भी दिया।
इसमें उपाध्यक्ष किशोर मींज, संयुक्त सचिव राजेश लिंडा, महेंद्र प्रजापति, यमुना प्रजापति, पंकज कुमार साहू, जया कुमारी, पीटर तिर्की, सुरेश कुमार महतो शामिल थे।