मॉस्को: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को अपने सदस्य देशों की समस्याओं से निपटना चाहिए, ना कि दूसरे देश में टांग अड़ाना चाहिए। ये बात रूस के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कही गई है।
रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने बुधवार को सिन्हुआ न्यूज एजेंसी को बताया, उन्हें अपनी समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है – नैटो देशों में टीकाकरण संकट, मानवाधिकार मुद्दे आदि। एक बार जब आप इन मुद्दों को हल करते हैं, तो हम आपके अनुभव पर विचार करेंगे।
नाटो के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को ब्रसेल्स में अपनी बैठक के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि रूस के आक्रामक रवैये से यूरो-अटलांटिक क्षेत्र में सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।
बैठक से पहले नैटो महासचिव जेन स्टोलटेनबर्ग ने कहा, हमने पिछले कुछ वर्षों में रूस के आक्रामक रवैये का एक पैटर्न देखा है, जिसमें राष्ट्रों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई भी शामिल है।