नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार ने घर-घर जाकर कोरोना टीकाकरण की मांग उठाई है, जिस पर केंद्र सरकार ने कहा है कि फिलहाल यह मुमकिन नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसे इस बारे में कोई औपचारिक अनुरोध महाराष्ट्र सरकार से नहीं मिला है।
महाराष्ट्र में कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं।
डोर टू डोर वैक्सीन के लॉजिस्टिक चुनौतियों पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा, यह वैक्सीन सिर्फ वयस्कों के लिए है, जो सभी के लिए चलने वाले टीकाकरण कार्यक्रम से अलग है, जिसमें भारत के पास दशकों का अनुभव है।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, हम अभी न सिर्फ वयस्कों के वैक्सीनेशन पर ध्यान दे रहे हैं बल्कि इसमें टीकाकरण के बाद प्रतिकूल शारीरिक घटनाएं भी हो सकते हैं।
इसके लिए टीका लेने वाले शख्स को 30 मिनट तक निगरानी में रखा जाता है।
लेकिन फिर अभी तक केंद्र सरकार को डोर टू डोर वैक्सीनेशन का कोई अनुरोध नहीं मिला है।
इससे पहले बृहन्मुंबई कारपोरेशन के प्रमुख इकबाल चहल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि हमने महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध किया है कि वो केंद्र से घर-घर जाकर टीकाकरण की अनुमति मांगे।
चहल ने कहा था कि जब केंद्रीय टीम ने 10 दिन पहले दौरा किया था तो उनसे घर-घर जाकर वैक्सीनेशन के लिए अनुमति मांगी गई थी।
केंद्र और राज्यों के बीच पिछले हफ्ते वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था।