नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों और बिगड़ते हालात को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है।
कोर्ट ने देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड और जरूरी दवाओं की किल्लत को देखते हुए नोटिस लिया है।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हालात डरावने हैं। केंद्र सरकार से 4 मुद्दों पर नेशनल प्लान दे। इस मामले में अब 23 अप्रैल को सुनवाई होगी।
इस बीच, इसी मामले पर सुनवाई कर रही दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सरकार को निर्देश दिए हैं।
सीजेआई ने कहा कि केंद्र को अपने आदेशों का सख्ती से पालन करवाना चाहिए। सरकार अगर चाहे तो धरती-आसमान एक कर सकती है।
6 हाईकोर्ट में सुनवाई से कन्फ्यूज हो सकता है
सीजेआई एसए बोबडे की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि इस वक्त कोरोना और ऑक्सीजन जैसे मुद्दों पर छह अलग-अलग हाईकोर्ट यानी दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, मध्यप्रदेश, कलकत्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
इससे कन्फ्यूजन पैदा हो सकता है। बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वे इस मुद्दे पर नेशनल प्लान बताएं। हाईकोट्र्स को भी इस बारे में बताएं।
Ó चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 4 मुद्दों पर गौर कर रही है- ऑक्सीजन की सप्लाई, जरूरी दवाओं की सप्लाई, वैक्सीनेशन का तरीका, लॉकडाउन लगाने का राज्यों का अधिकार।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि लॉकडाउन का अधिकार राज्यों के पास रहे, यह ज्यूडिशियल फैसला नहीं होना चाहिए। फिर भी हम लॉकडाउन लगाने के हाईकोर्ट के न्यायिक अधिकारों पर गौर करेंगे।