नई दिल्ली: भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में कहर बरपा रखा है। अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन और बेड नहीं मिल रहे हैं।
लेकिन अब कोरोना की यह दूसरी लहर देश के उन छोटे कस्बों, शहरों और गांवों में भी पैर पसार रही है, जो पहली लहर के दौरान इससे अछूते थे।
सबसे बड़ी परेशानी यह है कि देश के छोटे शहरों में चिकित्सा सुविधाएं सीमित होने के कारण लोग बेहतर इलाज के लिए अपनों लेकर बड़े शहरों की ओर जाने को मजबूर भी हो रहे हैं।
आलम ये है कि बीते 24 घंटे में जयपुर के प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की मौत हुई है।
यूपी के लखनऊ में ऑक्सीजन के लिए लोग भटक रहे हैं।
दिल्ली के सराय काले खां श्मशान घाट के सामने 27 और शवदाह प्लेटफॉर्म बन रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार यूपी में वायरस का रिप्रोडक्शन नंबर (आर) 2.14, झारखंड में 2.13 और बिहार में 2.09 है।
यानी यहां एक व्यक्ति औसतन इतने लोगों को संक्रमित कर रहा है। वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है, इसे परखने के लिए आर नंबर का प्रयोग किया जाता है।