नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली सरकार की सेना से मदद की मांग का मामला खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देख रहे हैं। इस बात की जानकारी केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने हाईकोर्ट को दी।
जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जैसे ही इसकी अनुमति मिल जाएगी हम विचार करेंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि दिल्ली सरकार के सेना की मदद के आग्रह पर आपने क्या फैसला किया है। वरिष्ठ वकील अभिनव वशिष्ठ ने कहा कि सेना को युद्ध स्तर पर बुलाने की जरूरत है।
केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार के आग्रह पर रक्षा मंत्री विचार कर रहे हैं।
तब अभिनव वशिष्ठ ने कहा कि ऑक्सीजन और योजना दोनों की कमी है। तब कोर्ट ने कहा कि जब अनुमति मिल जाएगी तो विचार करेंगे।
दरअसल, आज दोपहर में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट से कहा था कि उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले 2 मई को रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर सेना की मदद मांगी है।
सिसोदिया ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर सेना की मदद दिलाए जाने का अनुरोध किया था ताकि दिल्ली में आईसीयू बेड वाले अस्पताल, ऑक्सीजन का बफर स्टॉक और क्रायोजेनिक टैंकर्स की व्यवस्था करने में सेना की मदद मिल सके।
सुनवाई के दौरान अभिनव वशिष्ठ ने कहा था कि इस समय दिल्ली में सेना को बुलाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सेना के पास टैंकर है और वो हर जरूरत पूरी करने की क्षमता रखता है।
इस पर वरिष्ठ वकील कृष्णन वेणुगोपाल ने कहा कि अच्छा होता कि दिल्ली सरकार दिल्ली के स्थानीय कमांडर्स से आग्रह करती ताकि समन्वय करने का समय बच सके।