रांची: पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक ट्वीट किया। बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की।
पर केवल ‘मन की बात’ कही। इस पर भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री का घेराव किया।
अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इसे लेकर केंद्र को आड़े हाथों लिया है।
झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को प्रेसवार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सही ही कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल मन की बात की काम की नहीं।
भट्टाचार्य ने कहा कि अभी जो राज्य की स्थिति है, लोगों तक यह संदेश जाना चाहिए।
कैसे झारखंड सरकार चुनौतियों का सामना कर रही है।
झारखंड से लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल 20 सांसद हैं।
इनमें 16 सांसद भाजपा-आजूस के हैं। हम अपनी व्यथा किसको सुनाएं, जो सांसद यहां से चुनकर गए हैं वह दिल्ली जाकर डफली बजाते हैं। उन्होंने कहा कि
उन्होंने कहा कि झारखंड कोरोना संकट के बीच गहरी चुनौती से गुजर रहा है।
जीवनरक्षक दवाईयों, आर्थिक सहायता के मसले पर केंद्र सरकार राज्य को सहयोग नहीं कर रही।उन्होंने कहा कि एक मार्च से वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ है।
झारखंड को साडे चार करोड़ वैक्सीन चाहिए। लेकिन राज्य को अब तक 29 लाख 83 हजार 500 डोज ही मिला है। पिछले तीन दिनों में झारखंड को एक लाख ही उपलब्ध कराया गया है
उन्होंने कहा कि झारखंड को 428500 रेमडेसिविर की आवश्यकता है। लेकिन अभी तक 29524 ही मिला है।
जीवन रक्षक दवाएं झारखंड को नहीं मिल पा रही है। सभी दवाओं में झारखंड के साथ कटौती की जा रही है।
झारखंड को वेंटिलेटर 5000 चाहिए था लेकिन मिला कितना 300। हमने ऑक्सीजन सिलेंडर 2600 मांगा था, हमें 400 मिला।
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि वह काम की बात सुनेंगे या नहीं। यही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा तो भाजपा के लोग उछलने लगे।
झामुमो ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से लोगों को बचपन से कई तरह के टीके (वैक्सीन) फ्री में लगते रहे हैं।
पर कोरोना के वैक्सीनेशन के नाम पर केंद्र सरकार लूट मचा रही है। राज्यों को इसे खरीदना पड़ रहा है।
इस वित्तीय वर्ष में इसके लिए 35,000 करोड़ का प्रावधान किया गया फिर भी राज्यों को इसके लिए मेहनत करनी पड़ रही है।
पीएम केयर फंड भी है पर इसमें कितनी राशि है, यह बताया ही नहीं जा रहा। इसका आडिट भी नहीं हो रहा है।
जो स्थितियां हैं, उसमें सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि स्थितियां केंद्र के हाथ से निकल गयी हैं।
भाजपा नेता राज्य सरकार से बात पूछने की बजाए दिल्ली जाये और केंद्र से झारखंड का हिस्सा दिलायें। इसके लिए चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था करा दी जायेगी।