रांची: झारखंड के कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य में कभी भी संपूर्ण लॉकडाउन लग सकता है।
तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर 31 मई तक राज्य भर में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का सीएम हेमंत सोरेन कभी भी ऐलान कर सकते हैं। जी हां आज एक बार फिर आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक हो रही है।
हालांकि, इस बार कुछ नई बंदिशों को भी लगाने की तैयारी है।
बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव और बन्ना गुप्ता भी मौजूद हैं।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के गांवों में फैलाव रोकने को लेकर राज्य में और सख्ती बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
हालांकि बीते कुछ दिनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बेकाबू हो रहे हालात थोड़े सुधरे हैं, लेकिन दूसरे राज्यों से झारखंड आ रहे बड़ी संख्या में प्रवासियों के कारण एक बार फिर से संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा बढ़ गया है।
हालांकि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सांसदों और विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में ये कहा है कि कोरोना को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।
लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए कोरोना की चेन को तोड़ना निहायत जरूरी है, ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। इस सिलसिले में कड़े कदम उठाने पर भी सरकार विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक से पहले ही ये इशारा कर दिया था की किसी तरह की छूट तो बिलकुल भी नही मिलने वाले हैं।
इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने राज्य में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने का संकेत दिया है।
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि कई राज्यों ने कड़ाई से लॉकडाउन लागू किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय भी गंभीर
बीते दिन राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर 31 मई तक पाबंदियां लगाते हुए प्रवासियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी।
इसके तहत दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों को सात दिनों तक सरकारी क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके बाद कोरोना जांच में निगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें घर जाने की छूट होगी। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर प्रवासियों को सरकार के नियमों के तहत इलाज कराना होगा।
पड़ोसी राज्यों में लगा संपूर्ण लॉकडाउन
बता दें कि कोरोना की सेकेंड वेव में झारखंड में अबतक दो बार लॉकडाउन लगाया गया है। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नाम से लगाई गई बंदिशें अबतक दो बार बढ़ाई जा चुकी हैं।
पहली बार 22 अप्रैल सुबह छह बजे से 29 अप्रैल सुबह छह बजे तक और दूसरी बार इसे छह मई तक बढ़ाया गया था।
जबकि इस बार तीसरे चरण में झारखंड में लॉकडाउन 13 मई तक प्रभावी है। इस बीच झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार और उड़ीसा में संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है।
ऐसे में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने को झारखंड में भी संपूर्ण लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
कड़े फैसले लेने को तैयार राज्य सरकार
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले राज्य में युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
कई राज्यों में संपूर्ण लाकडाउन लगाया गया है, ऐसे में राज्य सरकार किसी भी परिस्थिति से निपटने और कड़े फैसले लेने को तैयार है।
इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने के बारे में सीएम हेमंत सोरेन से बात की थी। बहरहाल, कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन कभी भी लगाया जा सकता है।
सीएम लगातार ले रहे हालात का जायजा
मालूम हो कि राज्य में कोरोना संक्रमण के हालात का आकलन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के सभी सांसदों व विधायकों के साथ बैठक कर ले रहे हैं। उनके सुझाव ले रहे हैं।
जो सुझाव मिलेंगे, उसे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में लागू भी किया जाएगा।
इस बीच कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार एक बार फिर लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रही है।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि बीते 18 दिनों (22 अप्रैल से नौ मई तक) राज्य में 7,98,398 सैंपलों की जांच की गयी।
इनमें 13.65 प्रतिशत की दर से 1,08,987 नये संक्रमित मिले। इधर, राज्य में अब तक 2244 मरीजों की मौत हो चुकी है, जो संक्रमितों के कुल आंकड़े का 2.05 प्रतिशत है।