न्यूज़ अरोमा रांची: राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि को दो सप्ताह विस्तारित करने का सरकार ने निर्णय लिया है। अब यह 27 मई की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन प्राधिकार की आज हुई बैठक में 13 मई की सुबह छह बजे समाप्त हो रहे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को बढ़ाने का फैसला हुआ।
इस बैठक में 16 मई की सुबह छह बजे से पूर्व से जारी प्रतिबंधों के अतिरिक्त निम्न नए प्रतिबंध भी प्रभावी रहेंगे।
01 –राज्य के बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों को 7 दिनों का होम अथवा इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन में रहना अनिवार्य होगा। यह वैसे व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा जो 72 घंटे के अंदर राज्य से बाहर चले जाएंगे।
02 –इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट बसों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा। निजी वाहनों का मूवमेंट अनुमत कार्यों हेतु ई-पास के आधार पर होगा।
03 –शादी मात्र अपने घरों में अथवा कोर्ट में संपन्न किया जाएगा। इसमें अधिकतम 11 व्यक्ति शामिल हो सकेंगे तथा इस अवसर पर किसी प्रकार का आय़ोजन प्रतिबंधित रहेगा।
04 हाट-बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग नार्म्स का कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा।
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आय़ुक्त-सह-अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे और सचिव श्री अमिताभ कौशल मौजूद थे।
नोट- इससे संबंधित विस्तृत निर्देश अलग से निर्गत किए जाएंगे)
सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए आज आपदा प्रबंधन की बैठक में ये फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक से पहले ही ये इशारा कर दिया था की किसी तरह की छूट तो बिलकुल भी नही मिलने वाले हैं।
हालांकि बीते कुछ दिनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बेकाबू हो रहे हालात थोड़े सुधरे हैं, लेकिन दूसरे राज्यों से झारखंड आ रहे बड़ी संख्या में प्रवासियों के कारण एक बार फिर से संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सांसदों और विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी कहा था कि कोरोना को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोविड जांच की व्यवस्था की जाएगी।
इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की जांच के लिए सरकार ने 5 लाख टेस्टिंग किट के ऑर्डर दिए हैं जो जल्द मिल जाएगी।
इसे मिलते ही जांच की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। सीएम ने कहा कि शहरी क्षेत्रों की सड़कों से एंबुलेंस के सायरन को कम कर लिया गया है ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैलने से पहले ही इसे काबू कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभी 8 आरटीपीसीआर मशीन फंक्शनल है 9 और इंस्टॉल करने की तैयारी है जिसे इस महीने के आखिर तक इंस्टॉल कर लिया जाएगा। इसके बाद जांच की रिपोर्ट आने में भी तेजी आएगी।
पड़ोसी राज्यों में लगा संपूर्ण लॉकडाउन
बता दें कि कोरोना की सेकेंड वेव में झारखंड में अबतक दो बार लॉकडाउन लगाया गया है। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नाम से लगाई गई बंदिशें अबतक दो बार बढ़ाई जा चुकी हैं।
पहली बार 22 अप्रैल सुबह छह बजे से 29 अप्रैल सुबह छह बजे तक और दूसरी बार इसे छह मई तक बढ़ाया गया था।
जबकि इस बार तीसरे चरण में झारखंड में लॉकडाउन 13 मई तक प्रभावी है।
इस बीच झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार और उड़ीसा में संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है। ऐसे में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने को झारखंड में भी संपूर्ण लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय भी गंभीर
बीते दिन राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर 31 मई तक पाबंदियां लगाते हुए प्रवासियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी।
इसके तहत दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों को सात दिनों तक सरकारी क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके बाद कोरोना जांच में निगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें घर जाने की छूट होगी। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर प्रवासियों को सरकार के नियमों के तहत इलाज कराना होगा।