गिरिडीह: गिरिडीह जिले में 16 नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलेगा। इसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गई है।
उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने 16 नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र भेजकर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मांगी है।
उपायुक्त ने जिन नक्सलियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है, उनमें 25 लाख के इनामी नक्सली अजय महतो उर्फ टाइगर प्रमुख हैं।
इसके अलावा नवीन मांझी, रामदयाल महतो, बिपिन मंडल, दीनदयाल मांझी उर्फ दीनदयाल कोल्ह, नुनूचंद महतो, संतोष मांझी, दिनेश मांझी, कान्हू मांझी, अरविद मांझी, अरुण करमू मांझी, लक्ष्मण राय, मनोज राय, प्रशांत मांझी और रामनरेश मांझी शामिल हैं।
डीसी ने राज्य सरकार से जल्द इस मामले में अभियोजन मंजूरी देने की मांग की है।
सरकार की मंजूरी के बिना देशद्रोह के मामले में आरोपित के खिलाफ आरोप गठन नहीं किया जा सकता है।
क्या है मामला
गत 27 जून 2011 की शाम छह को 20-25 हथियारबंद नक्सलियों ने डुमरी- गिरिडीह मुख्य मार्ग के धावाटांड गांव में एक सड़क चौड़ीकरण कार्य में लगे तीन वाहनों में आग लगाकर जला दिया था।
बताया जाता है कि गिरिडीह-डुमरी सड़क के चौड़ीकरण का कार्य डेगकोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कर रही थी। भाकपा माओवादियों ने निर्माण के बदले लेवी की मांग की थी।
लेवी की राशि नहीं देने पर हथियार बंद दस्ते ने कंपनी के तीन वाहनों में आग लगाकर जला दिया था।
इन वाहनों में एक पोकलेन मशीन, एक रोड रोलर और एक टैंकर शामिल था।
साथ ही कंपनी के कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई थी। दस्ते का नेतृत्व जोनल कमांडर नवीन मांझी कर रहा था।
उस दस्ते के अधीन अजय महतो, दीनदयाल कोल्ह समेत 25-26 नक्सली थे।
उस वक्त दहशत ऐसी थी कि घटना के 12 घंटे बाद थाना को सूचना मिली थी।
इन नक्सलियों ने धावाटांड़ से लेकर निर्माण स्थल डेढ़ किलोमीटर तक घूम-घूमकर वाहनों को जलाया था। क्षेत्र में दहशत फैलाई थी जो सीधे सरकार को चुनौती दी थी।