रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण की जानलेवा बीमारी के साथ ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) की नई मुसीबत से लोग काफी परेशान हैं।
अभी तक झारखंड में ब्लैक फंगस के लगभग 14-15 मरीज मिले हैं। वहीं, दो मरीजों की मौत भी हो गई है।
शुक्रवार की शाम तक झारखंड में ब्लैक फंगस के एक भी मरीज नहीं मिला, यह राहत भरा रहा।
हालांकि, सरकार के लिए ब्लैक फंगस चुनौती बना हुआ है। राजधानी रांची स्थित रिम्स में इसके लिए वार्ड बनकर तैयार है।
ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या को बढ़ते हुए देख रिम्स में 12 बेड का अलग वार्ड तैयार कर दिया गया है।
इसके लिए अलग डॉक्टरों की टीम भी गठित की गई है। इसमें डेंटल, न्यूरोलॉजी, मेडिसिन, एनेस्थीसिया, रेडियोलोजी विभाग सहित विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं।
बताया जाता है कि अनियंत्रित डायबिटीज के मरीज, स्टेरॉयड का अधिक सेवन करने वालों में, ट्रांसप्लांट कराने के बाद व कैंसर के मरीजों को ज्यादा खतरा रहता है।
नाक से काला तरल पदार्थ या खून आना, आंखों में सूजन व धुंधलापन, साइनस की समस्या, मुंह से बदबू आना आदि इसके लक्षण हैं।
इस संबंध में रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ते हुए देख अलग से 12 बेड का वार्ड तैयार किया गया है।
इसके लिए डॉक्टरों की टीम भी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि एम्स के एक्सपर्ट डॉक्टरों के साथ बैठक कर दवाओं का प्रोटोकाल तैयार कर लिया गया है।
साथ ही दवाओं का ऑर्डर भी दे दिया गया है।