रामगढ़: कोरोना काल में ई-कॉमर्स व्यापारियों के गले की हड्डी बन गई है।
इस मुद्दे पर रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पंकज प्रसाद तिवारी ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की बिक्री हो रही है।
इसके अतिरिक्त दूसरे किसी भी वस्तु की दुकान को खोलने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
लेकिन ई-कॉमर्स में गैर वस्तुओं के आपूर्ति को प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
ऐसी स्थिति में यह नियम व्यापारियों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है।
तिवारी ने कहा है कि कोविड-19 के प्रारंभिक चरण में लगभग 6 माह से अधिक अवधि तक व्यवसायिक गतिविधियों को बंद रखते हुए भी जीएसटी संग्रह में वृद्धि की दिशा में व्यापारियों एवं उद्यमियों का योगदान स्मरणीय रहा है।
महामारी की दूसरी लहर के दौरान स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराने में व्यापारी समाज सरकार के साथ निर्णायक भूमिका निभा रहा है।
ऐसे समय में जब व्यापारियों को गैर आवश्यक सामग्रियों को बेचने की मंजूरी नहीं दी जा रही है।
तब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को ऐसा करने की अनुमति देना व्यापारिक असंतुलन पैदा करेगा।
रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज यह महसूस करता है कि महामारी से लड़ाई के बीच व्यापार संचालन कराना बड़ी चुनौती है।
इस दौरान प्रदेश में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म को गैर आवश्यक वस्तुओं के व्यापार की अनुमति देना अनुचित है।
चेंबर के उपाध्यक्ष अमरेश गणक ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते प्रसार के कारण उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए एसेसमेंट, रिएसेसमेंट व अन्य कंप्लायंसो की तिथि को विस्तारित करने के लिए भी वाणिज्य कर आयुक्त को पत्राचार किया जाएगा।
क्योंकि कई डीलर, व्यवसायी, अधिवक्ता पीड़ित है। व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद है। ऐसी स्थिति में आवश्यक दस्तावेजों को वे दाखिल करने में असमर्थ है।