रांची: रांची का इटकी स्थिति टीबी सेनेटोरियम जल्द ही डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में कार्य करना शुरू कर देगा।
उपायुक्त छवि रंजन ने सोमवार को टीबी सैनीटोरियम पहुंचकर की जा रही तैयारी एवं अन्य व्यवस्था का जायजा लिया।
उपायुक्त ने इंटर वार्ड, नर्स हॉस्टल में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया।
तैयार किए जा रहे डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ अन्य चिकित्साकीय संसाधन की उपलब्धता को लेकर उपायुक्त ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने जनरल वार्ड, लैब और ओपीडी का भी निरीक्षण किया।
300 बेड किए जा रहे हैं तैयार
इटकी स्थित टीबी सैनिटोरियम में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 300 ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड तैयार किए जा रहे हैं।
इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 150 और दूसरे चरण में 150 बेड तैयार किए जाएंगे।
ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए मैनीफोल्ड के साथ सेंट्रलाइज मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम की भी व्यवस्था की जा रही है।
ऑक्सीजन आपूर्ति और सेंट्रलाइज मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम का कार्य एनटीपीसी की ओर से किया जा रहा है जो जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि उम्मीद है कि जून के प्रथम सप्ताह में 150 बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार कर लिए जाएंगे।
हॉस्टल को दुरुस्त करने का निर्देश
उपायुक्त ने डॉक्टर और नर्सों के रहने के लिए हॉस्टल का भी निरीक्षण किया।
भवन प्रमंडल के अधिकारियों को उपायुक्त ने हॉस्टल में सभी सुविधाओं को पूरी तरह से दुरुस्त करने का निर्देश दिया ताकि डॉक्टर और नर्स को किसी तरह की परेशानी ना हो।
साफ सफाई पर विशेष जोर, शवदाह गृह की मरम्मत का निर्देश
टीबी सैनिटोरियम में बनाए जा रहे डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में उपायुक्त ने साफ सफाई पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट और दूसरे तरह के कचरे का सही तरह से निष्पादन की व्यवस्था करें, सैनिटोरियम के अंदर बाहर किसी भी प्रकार की गंदगी ना हो।
उपायुक्त ने सभी शौचालयों की सफाई का भी निर्देश दिया।
साथ ही उन्होंने शवदाह गृह की मरम्मत का भी निर्देश दिया।
मैन पावर की कमी को दूर करने को लेकर उपायुक्त ने आरोग्यशाला अधीक्षक डॉ रंजीत प्रसाद को विभाग से पत्राचार करने का निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि इटकी स्थित टीबी सैनिटोरियम को डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से 23 अप्रैल को निरीक्षण किया गया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे हैं।