मुंबई: मुंबई तट से 70 किलोमीटर अंदर समंदर में चक्रवाती तूफान टाउते की चपेट में आकर डूबे बार्ज पी-305 को लेकर चल रहा सर्च ऑपरेशन अब नौसेना ने खत्म कर दिया है।
रविवार को बार्ज के मलबे में सर्च ऑपरेशन का आखिरी दिन रहा। पूरे सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान नौसेना ने 70 शवों को बाहर निकाला।
188 लोगों को बार्ज और टगबोट वराप्रदा से रेस्क्यू किया गया, जबकि 16 लोगों को ढूंढा नही जा सका।
१७ मई को बार्ज पी-305 जब टाउते तूफान की चपेट में आकर एंकर से हटा, तो इसमें कुल 261 लोग सवार थे, जबकि 13 लोग बार्ज की टगबोट वराप्रदा में मौजूद थे। सर्च ऑपरेशन के खत्म होने तक 16 लोग लापता हैं।
हालांकि महाराष्ट्र और गुजरात तट पर कुछ दिन पहले 14 शव, रायगढ़ कोस्ट पर 8 शव और गुजरात के वाल्सद कोस्ट पर भी 6 शव मिले हैं, जिनमें लापता लोगों की पहचान की जाएगी।
अगर यहां बार्ज से गुमशुदा हुए लोगों की पहचान हो जाती है तो सभी लोगों का पता चल जाएगा। आईएनएस मकर बार्ज के मलबे वाली जगह से अब टगबोट वराप्रदा के मलबे के पास ले जाया जा रहा है।
सोमवार को यहां भी डाइविंग ऑपरेशन चलाया जाएगा, ताकि टगबोट में सवार 11 लोगों का पता चल सके।
इसके अलावा भी सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन इलाके के आसपास भी जारी रहेगा, ताकि क्रू मेंबर्स को तलाशा जा सके।
टाउते तूफान में 17 मई को डूबा बार्ज पी-305 ओएनजीसी का था। इसमें सवार लोग मेंटेनेंस और तेल के कुएं की खुदाई का काम कर रहे थे।
तेज़ हवाओं और ऊंची लहरों की चपेट में आकर ये अपने एंकर से हट गया था और बाद में डूब गया।
पी-305 जिस समय हादसे का शिकार हुआ, उस समय वो किनारे से करीब 70 किलोमीटर दूर था।
बार्ज ओएनजीसी के ऑयल रिग्स और प्लेटफॉर्म्स पर कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर हायर किए वर्कर्स के रहने के लिए इस्तेमाल होता था।
सामान ट्रांसपोर्ट करने में होता है बार्ज का प्रयोग
बार्ज का तला पूरी तरह से फ्लैट होता है और इसे नदियों और बड़ी नहरों पर भारी सामान को ट्रांसपोर्ट करने के लिए इस्तेमाल होता है।
थोक में सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसपोर्ट करने में इसका इस्तेमाल होता है। बार्ज बाकी जहाजों की तुलना में काफी सस्ते भी होते हैं।
ये पावरलेस होते हैं और इस वजह से इन्हें टगबोट की मदद से किनारे पर लाया जाता है।