नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं परीक्षाओं को लेकर मंगलवार 25 मई 2021 को लगभग सभी राज्यों ने अपने सुझाव भेज दिए हैं।
अधिकांश राज्यों ने दूसरे वाले विकल्प (शॉर्ट आंसर या बहुविकल्पीय परीक्षा, कम समय में) से 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा कराए जाने के पक्ष में सुझाव दिया।
केवल दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल ने परीक्षा में भाग लेने वाले सभी छात्रों, शिक्षकों का वैक्सीनेशन होने तक परीक्षाएं कराने जाने विरोध किया है।
किस राज्य में कब परीक्षा होनी चाहिए इस पर असमानता दिखी। क्योकि कुछ राज्यों जैसे बिहार, असम और उत्तराखंड में बाढ़ और अत्यधिक बारिश जैसे हालात हैं ऐसे में यहां मानसून के बाद परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
शिक्षा मंत्रालय ने अपनी हाई-लेवल मीटिंग में राज्यों को सीबीएसई 12वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित कराने को लेकर लिखित सुझाव देने के लिए मंगलवार तक समय दिया था।
राज्यों के सामने दो विकल्प रखे थे जिनमें से किसी एक का उन्हें चुनाव करना था।
पहले विकल्प में था कि अगस्त में प्रमुख 19 विषयों की पूरी पारंपरागत परीक्षा आयोजित कराई जाए। वहीं दूसरे विकल्प में था कि परीक्षा 15 जुलाई से 5 अगस्त तक 90 मिनट की कराई जाए और प्रमुख विषयों से तीन विषय और एक भाषा का पेपर हो। इ
न दोनों विकल्पों के तहत होने वाली परीक्षा के नतीजे सितंबर अंत तक जारी किए जाने को प्रस्तावित हैं।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के छात्रों और अभिभावकों का तनाव कम करने के लिए नया और छोटा शैक्षिक सत्र नवंबर से शुरू करने की योजना थी।
मंत्रालय ने बताया था कि परीक्षाएं रद्द करने का विकल्प भी एक विकल्प था जो कि सभी राज्यों को दिया गया था।
इनमें से कुछ राज्यों जैसे दिल्ली सरकार ने परीक्षाएं रद्द कराने का सुझाव दिया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि वैक्सीनेशन से पहले परीक्षाएं कराई जाएं।