नई दिल्ली: पत्रकार तरुण तेजपाल को गोवा की एक अदालत ने रेप केस में बरी किया है। अदालत को तेजपाल के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिल सके।
अदालत की ओर से 21 मई को सुनाए गए फैसले की कॉपी महिला का आरोप था कि एक फाइव स्टार होटल के एलिवेटर में तरुण तेजपाल ने उनसे छेड़छाड़ की थी।
जज क्षमा जोशी ने कहा कि तरुण तेजपाल को संदेह का लाभ दिया जाता है। क्योंकि शिकायतकर्ता की कंप्लेंट को पुष्ट करने के लिए पर्याप्त सबूतों का अभाव है।
इसके अलावा अदालत ने 500 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि मामले की जांच करने वाली अधिकारी सुनीता सावंत ने केस के महत्वपूर्ण पहलुओं की सही से जांच नहीं की।
जज ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि रेप का पीड़िता पर बेहद बुरा असर पड़ता है। इससे उसकी मानसिक स्थिति भी खराब हो जाती है। लेकिन दूसरी तरफ यह भी ध्यान रखना होगा कि गलत आरोप में कोई शख्स न फंस जाए।
यौन उत्पीड़न की घटना के बाद पीड़िता के दहशत में आने के तर्क को भी अदालत ने खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि वॉट्सऐप संदेशों से पता चलता है कि कथित घटना के बाद भी महिला की तैयारी गोवा में स्टे करने की थी।
वह मैगजीन की ओर से आयोजित ऑफिशियल इवेंट के बाद भी गोवा में रुकना चाहती थी। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की मां के बयान से यह साफ नहीं होता है कि वह घटना के बाद दहशत में थी।
पीड़िता और उसकी मां ने घटना के बाद भी गोवा में स्टे करने के अपने प्लान को नहीं बदला था। यही नहीं जज ने कहा कि शिकायत में कई तरह के विरोधाभासी बयान भी दर्ज हैं।