नई दिल्ली: नए सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का करीबी माना जाता है।
जायसवाल के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनने से इनकार कर दिया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनने से इसलिए इनकार कर दिया था क्योंकि वह दिल्ली सरकार के साथ राजनीति में नहीं उलझना चाहते थे।
दिल्ली आने से पहले ही उनके साथी मानते थे कि वह किसी बड़े रोल के लिए बने हैं।
महाराष्ट्र काडर के सुबोध कुमार जायसवाल महारषट्र के डीजीपी भी रह चुके हैं।
जायसवाल को 2018 में मुंबई के पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई थी।
तब भी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अजित डोभाल से चर्चा के बाद ही उन्हें इस अहम पद के लिए चुना गया है।
इसके बाद उन्हें डीजीपी की जिम्मेदारी दी गई थी।
हालांकि महाराष्ट्र की सत्ता में महाविकास अघाड़ी के आने के बाद से ही असहज महसूस कर रहे थे।
इसी बीच उन्हें दिल्ली पुलिस के कमिश्नर पद का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने सीआईएसएफ का डीजी बनना ज्यादा सही समझा था।
सुबोध कुमार जायसवाल को पुलिस के अलावा खुफिया मामलों का भी अच्छा अनुभव है। वह आईबी में नौकरी के साथ ही करीब 9 सालों तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ में भी काम कर चुके हैं।
उनके करीबी मानते हैं कि सीबीआई निदेशक के पद के लिए वह उपयुक्त हैं।
उन्होंने अब्दुल करीम तेलगी के केस की भी जांच की थी, जिसे बाद में सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था।
इसके अलावा भीमा कोरेगांव केस से भी वह जुड़े थे।
जायसवाल ने उस दौर में एसपीजी में काम किया था, जब ग्रुप को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी।