मेदिनीनगर: हुसैनाबाद अनुमंडल के हैदरनगर थाना क्षेत्र के अधौरा से लेकर दंगवार के बीच रह रहे ग्रामीणों को सोन नदी का जलस्तर दो दिनों से बढ़ने के कारण भयभीत दिख रहे हैं।
बुधवार की मध्य रात्रि से सोन नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढा हैं।
यास चक्रवाती तूफान प्रारम्भ होते ही उतर प्रदेश व मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण सोन नदी का जलस्तर बढ़ा है।
सोन नदी के ऊपरी भाग बाण सागर व रिहन्द बांध होने के कारण इसका पानी छोड़ते ही प्रशासन बिहार झारखंड दोनों राज्य के सिमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को अलर्ट कर देती है।
सोन नदी के बढ़ते जलस्तर को देखकर हुसैनाबाद अनुमंडल प्रशासन भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अलर्ट करने का निर्देश पूर्व से ही जारी किया है।
सोन नदी के बीचों बीच देवरी के उस पार डीला पर दर्जनों स्थानीय किसान के साथ साथ उतर प्रदेश के कुछ गवार जाति के लोग काफी दिनों से रहकर खेती करते हैं।
जिसे प्रशासन पहले से ही अलर्ट कर दिया है।
सोन नदी के तट पर बसे स्थानीय लोगों का कहना है कि मौसम बदलने के कारण सोन नदी में भयंकर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
ऐसे ही बाढ़ में प्रत्येक वर्ष किसानों के जमीन नदी में समा जाती है।
उन्होंने कहा कि झारखंड व बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र का सबसे बड़ा सोन नदी है।
जो रिहन्द से निकलकर गंगा में समाहित होता है। उन्होंने यह भी कहा कि सोन नदी में भयंकर बाढ़ आने के बाद नजारा ही कुछ अलग देखने को मिलता है।
किंतु हमलोग के ग्रामीण क्षेत्र में बाढ़ से बचाव के लिए किसी भी तरह का कोई सरकार द्वारा सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
इधर हुसैनाबाद के अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण भी स्थानीय प्रशासन को अलर्ट किया है।
उन्होंने अनुमंडल के सभी थाना व ओपी प्रभारी को सोन नदी के तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को सतर्क कराने का निर्देश दिया है।
साथ ही सोन नदी के डिला पर बसे लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर लाने का आग्रह किया है।
हालांकि तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण हैदरनगर, हुसैनाबाद व मोहमदगंज प्रखंड क्षेत्र के सभी नदी नाले के साथ साथ सभी खेत भी जलमग्न हो गए हैं।