लोहरदगा: लोहरदगा जिले के किसानों को चौतरफा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।एक महीने से करोना महामारी के कारण जहां तैयार फसलों के खरीदार नहीं मिल रहे थे।
वहीं, अब चक्रवाती तूफान का कहर किसानों के खेती पर पड़ा है। खेतों में पानी भर जाने से फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।
किसानों की मानें तो कोरोना काल में फसल को ओने पौने दाम पर अभी कोई खरीदार नहीं है परंतु अभी जो फसल खेत में लगे हैं जो कि अगले महीने तैयार होंगे उसे भी चक्रवाती तूफान बर्बाद कर रहा है।
लोहरदगा जिला के भंडरा प्रखंड क्षेत्र में किसान सब्जी फसलों का भरपूर खेती करते हैं। इसमें फूलगोभी, बंधा गोभी ,बैगन, टमाटर, फ्रेंच बीन, करेला, भिंडी, बोदी, सिमला मिर्च, हरा मिर्च सहित अन्य सब्जी फसल इस समय किसानों के खेतों में लगा हुआ है जो कि किसानों के लिए नकदी फसल के रूप में जाना जाता है।
किसानों को इन फसलों से अच्छी आमदनी होती है परंतु चक्रवाती तूफान का पानी इन फसलों को बर्बाद कर रहा है।
प्रखंड क्षेत्र के भंवरो, बेद्दाल, मसमानो, ऊदरंगी, कुमहरिया, अकाशी, भीठा, कचमची, मकुंडा, नगड़ी सहित अन्य गांवों में पर्याप्त सब्जी फसल किसानों द्वारा खेती किया जाता है।
यहां का उपज सब्जी प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में भी भेजी जाती है। परंतु इस वर्ष किसान कोरोना महामारी से त्रस्त हुए। इसके बाद अब यास चक्रवाती तूफान ने भी उन्हें परेशान कर दिया। किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
भंडरा प्रखंड क्षेत्र के हजारों एकड़ जमीन में किसान इस समय विभिन्न फसल लगाए हुए हैं। इस चक्रवाती तूफान से किसानों को लाखों का नुकसान होगा।
भौरो गांव के युवा किसान जब्बार अंसारी बताता है कि कड़ी मेहनत कर महंगी दरों पर खाद एवं बीज खरीद कर भरी गर्मी में सिंचाई कर फसल तैयार किया जाता है। उसके बाद तैयार फसल को बाजार में खरीदार नहीं मिलते हैं।
व्यापारी ओने पौने दामों पर किसानों से उनकी उपज मांगते हैं तो अत्यधिक तकलीफ होती है परंतु किसान लाचार है ।
जब्बार अंसारी अभी फूलगोभी का फसल तैयार कर रहा है। बेदल गांव के युवा किसान अशोक कुमार ने बताया कि टमाटर का फसल खेत में तैयार है।
टमाटर का कोई भी खरीददार नहीं आ रहा है। ओने पौने दाम पर टमाटर को बेचा जा रहा है, जिससे तोड़कर बाजार पहुंचाने का खर्च भी किसानों को नहीं मिल रहा है।
अब यह चक्रवाती तूफान भी तैयार फसल को बर्बाद कर दिया। इससे किसान को काफी क्षति हुई है।
सरकार को क्षति हुए किसानों को मुआवजा देना चाहिए ताकि किसान आगे खेती के काम कर सके। लोहरदगा जिले के अन्य प्रखडों के किसान भी परेशान हैं। लोहरदगा मे कोल्ड स्टोरेज नहीं रहने के कारण परेशानी ज्यादा है।