नई दिल्ली: फेसबुक ने पिछले चार वर्षों में ऐसे 150 से अधिक कोवर्ट इन्फलुएंस ऑपरेशंस (गुप्त प्रभाव संचालन) को हटा दिया है, जो भारत सहित 50 से अधिक देशों से उत्पन्न हुए थे और इसकी नीतियों का उल्लंघन कर रहे थे।
कोवर्ट इन्फलुएंस ऑपरेशंस (आईओ) 2017 से 2021 के मध्य तक शुरू हुआ और इसने विदेशी और घरेलू सार्वजनिक दोनों डिबेट को लक्षित (टारगेट) किया।
फरवरी 2020 में, फेसबुक ने एक भारतीय डिजिटल मार्केटिंग कंपनी एरैप ग्लोबल द्वारा संचालित एक नेटवर्क को हटा दिया।
कंपनी ने कई विषयों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें खाड़ी क्षेत्र में राजनीति से लेकर कतर में 2022 फीफा विश्व कप शामिल है।
फेसबुक ने एक बयान में कहा, इस ऑपरेशन ने लोगों को समाचार आउटलेट के रूप में अपनी वेबसाइटों पर ले जाने का प्रयास किया और फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब, रेडिट और मीडियम सहित लगभग एक दर्जन प्लेटफार्मों पर भरोसा किया है।
घरेलू आईओ भी दुनिया भर में स्वीकार्य ऑनलाइन व्यवहार की सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखता है।
फेसबुक ने कहा, 2017 के बाद से हमने मोल्दोवा, होंडुरास, रोमानिया, ब्रिटेन, अमेरिका, ब्राजील और भारत सहित लगभग आधे इन्फलुएंस ऑपरेशंस को हटाया है, जिन्हें स्थानीय लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा था और जो घरेलू मुद्दों और दर्शकों से परिचित थे।
फेसबुक ने कोऑर्डिनेटेड इनऑथेंटिक बिहेवियर (सीआईबी) पर एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा किया है।
ये राजनीतिक अभियान, पार्टियां और निजी कंपनियां थीं, जिन्होंने अपने लक्ष्यों की खोज में भ्रामक रणनीति का लाभ उठाया।
2020 में फेसबुक ने भ्रामक रणनीति के खिलाफ अपने व्यापक प्रवर्तन पर रिपोटिर्ंग शुरू की थी।
इस संबंध में बढ़ते खतरे के जवाब में कम्युनिटी ऑफ डिफेंडर (रक्षकों का समुदाय), जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, सिविल सोसाइटी एडवोकेट, ओपन-सोर्स शोधकर्ता, कानून प्रवर्तन और मीडिया शामिल हैं, ने आईओ को बेनकाब करने और इन पर कार्रवाई के लिए सभी टीमों को मैदान में उतारा है।
कंपनी ने कहा, इस प्रयास के हिस्से के रूप में, फेसबुक पर हमारी टीमों ने न केवल विशेष इन्फलुएंस ऑपरेशंस का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए, बल्कि उनके पीछे की रणनीति को उजागर करने और उन्हें कम प्रभावी बनाने के लिए मिश्रित प्रवर्तन रणनीति बनाई है।