जेनेवा: इस समय कोविड महामारी से जूझ रहे पूरे विश्व को बचाने के लिए प्रयास करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन के विस्तार और उसकी शक्तियों को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
ऐसा करने से भविष्य में होने वाली इस तरह की महामारी से और सक्षम तरीके से निबटा जा सकेगा।
डब्ल्यूएचओ की संरचना में बदलाव के लिए ये सुझाव स्वतंत्र विशेषज्ञों ने दिए हैं। विशेषज्ञों ने डब्ल्यूएचओ को ज्यादा शक्तियां देने की सिफारिश की है।
संरचना और समझौते की शर्तो में बदलाव के लिए प्रस्ताव यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने पेश किया था।
कोरोना वायरस से अभी तक 17 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब 37 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्री 29 नवंबर को बैठक करके तय करेंगे कि संगठन का ढांचा किस तरह से प्रभावी बनाया जाए ।
संगठन के आपात मामलों के निदेशक माइक रेयान ने कहा है कि महामारियों से निपटने के लिए सुधार के सुझावों का हम स्वागत करते हैं।
इससे हमें भविष्य में पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी।
समिति में शामिल न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सिरलीफ के अनुसार नई वैश्विक व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जो किसी बीमारी के महामारी बनने की आशंका के साथ ही उसके खात्मे में जुट जाए।
विशेषज्ञों ने पाया कि डब्ल्यूएचओ 2020 की शुरुआत में कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीरता को भांपने और उसकी रोकथाम कर पाने में पूरी तरह से विफल रहा।
इसलिए डब्ल्यूएचओ को ऐसी शक्तियां दी जानी चाहिए कि वह प्रभावित इलाके में जांच के लिए अविलंब पहुंच सके ताकि भविष्य में कोई महामारी को फैलने से रोका जा सकेगा।