नई दिल्ली: भारत में हजारों करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में वांछित हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को लेकर अब एंटीगुआ और डोमिनिका के प्रधानमंत्रियों पर भी आरोप लगने शुरू हो गए हैं।
डोमिनिका की कोर्ट को 2 जून यानी बुधवार को चोकसी के मामले में सुनवाई करनी है।
इससे पहले डोमिनिका के पीएम रूजवेल्ट स्केरिट पर देश के विपक्षी राजनेताओं ने आरोप लगाया है कि वह भगोड़े चोकसी को भारत वापस भेजने की साजिश का हिस्सा हैं।
डोमिनिका की संसद में विपक्ष के नेता लेनक्स लिंटन ने मांग की है कि मेहुल चोकसी को किन परिस्थितियों में डोमिनिका लाया गया, इसकी भी पूरी जांच हो।
उन्होंने यह भी कहा कि मेहुल चोकसी का यूं पकड़े जाना डोमिनिका, एंटीगुआ और भारत की मिलीभगत का हिस्सा है। उन्होंने चोकसी के प्रत्यर्पण को अमानवीय और कानून के शासन के खिलाफ बताया।
बता दें कि भारतीय हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा से बीती 25 मई को लापता हो गया था, लेकिन इसके बाद पिछले हफ्ते मंगलवार को उसे डोमिनिका की पुलिस ने अवैध रूप से देश में घुसने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
एंटीगुआ और डोमिनिका के बीच मुश्किल से 200 किलोमीटर की दूरी है। पीएम स्केरिट से पहले एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन पर भी आरोप लगे थे।
एंटीगुआ के विपक्ष का कहना था कि चोकसी के देश से गायब होने के पीछे पीएम ब्राउन की भूमिका है। गैस्टन ब्राउन कई बार यह कह चुके हैं कि डोमिनिका चोकसी को वापस एंटीगुआ भेजने की बजाय उसे भारत प्रत्यर्पित कर दे।
सोमवार को डोमिनिका की मुख्य विपक्षी पार्टी ने बयान जारी कर पीएम स्केरिट पर एंटीगुआ के पीएम संग मिलीभगत करने का आरोप लगाया है।
साथ ही इस पूरे घटनाक्रम को डोमिनिका की छवि पर दाग बताया है। चोकसी के वकील ने दावा किया था कि भारतीय और एंटीगुआ के अधिकारी उसका अपहरण कर के डोमिनिका लाए थे।
सोमवार को चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने यह भी कहा कि मेहुल को शायद उस महिला ने हनीट्रैप किया, जिसके संपर्क में वह पिछले 6 महीने से था।
चोकसी को जब अगवा किया गया तो वह उसी महिला के घर गया हुआ था। यहां से उसे एक जहाज पर डोमिनिका ले जाया गया।