रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज पांच मामलों की जांच अपराध अनुसंधान विभाग (CID) ने की। जांच के बाद सीआईडी ने प्रारंभिक रिपोर्ट डीजीपी को सौंप दी है।
पुलिस के मुताबिक योगेंद्र साव से जुड़े टंडवा और बड़कागांव थाना में दर्ज मामले में साक्ष्य नहीं मिले है। यह सीआईडी की जांच में खुलासा हुआ है।
योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज मामले में सीआईडी की जांच में पाया गया है कि योगेंद्र साव के खिलाफ अधिकांश मामले में साक्ष्य नहीं है।
पुलिस अधिकारियों ने सही तरीके से अनुसंधान नहीं किया। हालांकि, योगेंद्र साव के नक्सली संगठनों से जुड़े होने के संबंध में कुछ साक्ष्य मिले हैं। अन्य मामलों में पुलिस के पास पुख्ता सबूत के तौर पर कुछ नहीं है।
इस मामले में अनुशंसा की गई है कि उस समय जो हजारीबाग और चतरा में पुलिस अधिकारी थे उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। फिलहाल, योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज मामले की जांच जारी है।
पुलिस मुख्यालय को सीआईडी के द्वारा जो रिपोर्ट भेजी गई है। उसमें पांच मामलों की समीक्षा की गई है। इन मामलों के दस्तावेज की जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि योगेंद्र साव के खिलाफ बड़कागांव और टंडवा थाना में दर्ज पांच मामले की सीआईडी ने समीक्षा की थी।
मामले को लेकर बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा थाा, जिसमें अपने पिता योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज मामले की समीक्षा का अनुरोध किया गया था।
साल 2015 में योगेंद्र साव के खिलाफ कांड संख्या 90/2015, 91/2015 ,92/2015 ,93/2015 और 97/2015 दर्ज किया गया है। इन सभी मामले मेें जांच की मांग की गई थी।