तेलअवीव: फलस्तीनी उग्रवादी गुट हमास एक बार फिर तबाही मचाने की तैयारी में जुट गया है।
हमास ने नए रॉकेट का प्रॉडक्शन फिर से शुरू कर दिया है। हमास फिर से हजारों की तादाद में रॉकेट का जखीरा तैयार कर रहा है।
हमास के राजनीतिक ब्यूरो फतही हमद के हवाले से यह जानकारी दी है। कई दिनों तक चले बमबारी और हमले के बाद इजरायल और फलस्तीन के बीच सीजफायर समझौता हुआ है।
हमद ने कहा, ‘हमारी फैक्ट्री में एक बार फिर से अल कद्स और तेल अवीव में हमले के लिए हजारों रॉकेट का निर्माण फिर से शुरू कर चुके हैं।
हमास और इजरायल के बीच 10 मई को उस समय भीषण संघर्ष शुरू हो गया था जब पूर्वी यरुशलम में अरब मूल के लोगों और इजरायली पुलिस के बीच कोर्ट के एक आदेश को लेकर झड़प शुरू हो गई।
इस आदेश में फलस्तीनी परिवारों को शेख जर्राह से जाने को कहा गया था। इसके बाद हमास और इजरायल की सेना में भीषण संघर्ष शुरू हो गया।
इजरायल का दावा है कि हमास की ओर से 4 हजार से अधिक रॉकेट दागे गए। यह संघर्ष कुल 11 दिनों तक चला और केवल गाजा पट्टी में ही 243 लोग मारे गए।
इसमें 66 बच्चे भी शामिल थे। इजरायल के भी 12 लोग मारे गए। एक भारतीय नर्स की भी इस हमले में मौत हो गई थी।
इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने स्वीकार किया है कि फिलिस्तीनी आतंकियों के साथ हुई झड़प के दौरान उसके डिफेंस सिस्टम ने खुद के ही ड्रोन को मार गिराया था।
इस एल्बिट स्काईलार्क ड्रोन को इजरायली सेना की ही एक विंग खुफिया जानकारी जुटाने के लिए इस्तेमाल कर रही थी। जिसे आयरन डोम बैटरी ने हमास का रॉकेट समझ मिसाइल फायर कर मार गिराया।
इस घटना के बाद से ही इजरायली सेना में ड्रोन ऑपरेशन और दुश्मनों की यूएवी को पहचानने के लिए व्यापक फेरबदल करने की तैयारी की जा रही है।