खूंटी: वन धन योजना एवं एमएफपी से संबंधित बैठक मंगलवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस दौरान वन धन विकास केंद्रों द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में चर्चा की गई।
जेएसएलपीएस के डीपीएम शैलेश रंजन ने बताया गया कि जिले के सदर प्रखंड के सिलादोन गांव एवं मुरहू प्रखंड अंतर्गत पेरका में स्थित वन धन विकास केंद्र ;वीडीवीकेद्ध के माध्यम से संगठित हुए तीन-तीन सौ किसान अपनी-अपनी उपज को एकत्रित करते हैं।
इस एकत्रित की गई उपज की गुणवत्ता के अनुसार छंटाई भी की जाती है। छंटाई के पश्चात प्रसंस्करण के लिए भेजा जाता हैए जहां संबंधित सामग्री का निर्माण होगा।
बैठक में उपायुक्त ने लाह के माध्यम से महिलाओं द्वारा चूड़ी का निर्माण कर उन्हें खुले बाज़ार में बेचने आदि के संबंध में विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि लाह की चूड़ियां बेहतर गुणवत्ता एवं आकर्षक रूप से बनाई जाएं ताकि उचित बाजार मिल सके।
इसके साथ ही उपायुक्त द्वारा बताया गया कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि उत्पादनए प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग की चेन को सुदृढ़ किया जाए।
साथ ही जिले में एमएफपी उपलब्धता में इमलीए करंज बीजए साल बीजए महुआ बीजए साल के पत्तेए चिरौंजी आदि के संबंध में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उत्पादित वस्तुओं की पलाश ब्रांडिंग की जाए।
साथ ही प्राथमिक प्रसंस्करण एवं मूल्य वर्धन से सम्बंधित जानकारी उपस्थित वन धन केंद्र के प्रबंधकों को दी गई जिससे उनकी कार्यकुशलता में वृद्धि होगी और वन धन विकास केंद्रों के माध्यम से उन्हें सीधा लाभ मिल सके।
उपायुक्त ने कहा कि इसके लिए उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों में वन धन विकास केंद्र खोले जाएं।
साथ ही प्रोसेसिंग प्लांट खोले जाने के सम्बन्ध में विशेष विचार.विमर्श किया गया।
उपायुक्त ने कहा कि खूंटी व मुरहू प्रखण्ड के सम्बन्धित वन धन विकास केंद्रों के बीच आपसी समन्वय स्थापित किया जाना आवश्यक है।
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि वन विभाग से समन्वय स्थापित कर गांव-गांव में बैठकों का आयोजन कर लोगों को इससे सम्बन्धित जानकारियां दी जाएं।
इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि वन उत्पादन के मूल्यवर्धन के लिए कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण भी प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
इस योजना के तहत वन धन विकास केंद्र में माइनर फारेस्ट प्रोडक्ट्स एवं क्षेत्र में पाई जाने वाली अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों के रख.रखाव की ट्रेनिंग एवं मार्केटिंग से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाएए जिससे कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।