कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर अमानवीय अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
अब राज्य के महीसादल इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं की सूची जगह-जगह चिपकाई गई है, जिस पर लिखा गया है कि इन लोगों को किसी भी दुकानदार द्वारा कोई भी सामान नहीं बेचा जाना चाहिए। इनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
हालांकि इसे लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में इसकी प्रति को रिट्वीट करते हुए लिखा है, “यह अचंभित करने वाला है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध है कि राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित रखने की पहल करें।
इस तरह से किसी को भी उनके मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता और ना ही सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए और इस पर रोक नहीं लगी तो इससे बड़ा शर्मनाक और कुछ नहीं होगी।”
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इसकी भर्त्सना की है। उन्होंने लिखा है कि यह असहिष्णुता नहीं बल्कि तानाशाही है। यह दुर्भाग्यजनक है कि आज ममता बनर्जी हत्या, अत्याचार और हिंसा का पर्याय बन चुकी हैं।
राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने भी इसकी आलोचना की है। उन्होंने लिखा है कि पश्चिम बंगाल की स्थानीय इकाई द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को ब्लैक लिस्ट करने की यह सूची नई नहीं है।
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को सभी अधिकारों से वंचित कर दिया गया है।
ऐसा इसीलिए किया जा रहा है ताकि उनका मनोबल तोड़ा जा सके। इसके अलावा उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश है।