नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर्स फंड से आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया तय की जा रही है। इस समय राज्यों से विचार-विमर्श चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में केंद्र सरकार को जवाब के लिए समय दिया है। कोर्ट ने राज्यों से भी पूछा है कि उनके यहां ऐसे बच्चों की सहायता की क्या योजना है।
पिछले एक जून को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मार्च 2020 से अब तक 1 हजार, 742 बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है। आयोग ने बच्चों को आर्थिक मदद की भी मांग की थी।
इसके पहले 28 मई को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में जिला प्रशासन को ये सुनिश्चित करने को कहा था कि कोरोना महामारी में अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों को कोई दिक्कत न हो और उनकी बुनियादी ज़रूरतें पूरी हों।
सुनवाई के दौरान जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा था कि हमें नहीं पता कि कितने बच्चे सड़क पर भूखे हैं। हम उनकी उम्र नहीं जानते हैं।
इतने बड़े देश में उनके साथ क्या हो रहा है, ये कल्पना करना मुश्किल है। कोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को निर्देश दिया था कि वो ऐसे बच्चों का डाटा वेबसाइट पर अपलोड करे।
कोर्ट ने सरकार से राहत के लिए किए कार्यों की जानकारी मांगी थी।
सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने कोर्ट का ध्यान इस ओर दिलाया था कि महामारी के चलते या दूसरी वजह से अपने एक या दोनों अभिभावकों को खो चुके बच्चों को राहत के लिए प्रयास करने की ज़रूरत है।
ऐसे बच्चे विशेषकर लड़कियां मानव तस्करी का शिकार हो रही हैं। लिहाज़ा कोर्ट ज़रूरी निर्देश जारी करे।