- पूरी तरह स्वदेश निर्मित हेलीकॉप्टर ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने तीन स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ALH Mk-III एएलएच एमके-III अपने हवाई बेड़े में शामिल कर लिए।
यह हेलीकॉप्टर आधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल उपकरणों से लैस हैं, जो 24 घंटे समुद्री टोही, लंबी दूरी की खोज और बचाव कार्य निभाने में सक्षम हैं।
इन हेलीकॉप्टरों को शामिल करने से राष्ट्र के समुद्री हितों की खोज में नौसेना की पूर्वी कमान की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही स्वदेश निर्मित ये हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।
वाटर कैनन सैल्यूट दिया गया
भारत के पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में स्थित भारतीय नौसेना के हवाई स्टेशन आईएनएस डेगा पर इन्डक्शन सेरेमनी ‘322 डेगा फ्लाइट’ आयोजित की गई।
पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह की उपस्थिति में एचएएल निर्मित 03 एएलएच एमके-III हेलीकॉप्टरों को नौसेना के हवाई बेड़े में शामिल कर लिया गया।
नौसेना के बेड़े में शामिल करने से पूर्व इन हेलीकॉप्टरों को वाटर कैनन सैल्यूट दिया गया। अपने पहले फ्लाइट कमांडर एसएस डैश के नेतृत्व में यह हेलीकॉप्टर समुद्री टोही और तटीय सुरक्षा को बढ़ावा देंगे।
गंभीर रूप से बीमार मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए इन हेलीकॉप्टरों में रिमूवेबल मेडिकल आईसीयू भी लगाया गया है। उन्नत एवियोनिक्स की वजह से यह हेलीकॉप्टर सभी मौसम में कार्य करने के लिए सक्षम हैं।
तटीय सुरक्षा के लिहाज से किए गए 19 बदलाव
मुंबई पर आतंकी हमला होने के 9 साल बाद मार्च, 2017 में हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ लगभग 5,126 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर करके मार्क-III के 16 हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया गया था।
भारतीय नौसेना की योजना अपने बेड़े से चेतक लड़ाकू विमान को हटाने की है। हरे रंग के इन हेलीकॉप्टरों में तटीय सुरक्षा की जरूरतों के लिहाज से 19 तरह के बदलाव किये गए हैं।
स्वदेश निर्मित ‘ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टरों ने परीक्षण के दौरान 3 लाख घंटे की उड़ान भरकर बहुमुखी कार्यों में अपनी सूक्ष्मता को साबित किया है।
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने एयरो इंडिया के आखिरी दिन 05 फरवरी, 2021 को पांच हेलीकॉप्टरों का पहला बैच नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह को सौंपा था। इनमें से तीन हेलीकॉप्टर नौसेना को और 02 हेलीकॉप्टर इंडियन कोस्ट गार्ड को मिले हैं।
आईएनएएस 323 एयर स्क्वाड्रन से संचालित होंगे
स्वदेश निर्मित एएलएच एमके-III हेलीकॉप्टर की पहली इकाई भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 323 पिछले माह 19 अप्रैल को आईएनएस हंसा, गोवा में कमीशन की गई थी। यह स्क्वाड्रन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित अत्याधुनिक मल्टीरोल हेलीकॉप्टर एएलएच एमके-III का संचालन करेगी।
इन हेलीकॉप्टरों का उपयोग खोज और बचाव, विशेष संचालन और तटीय निगरानी के लिए इसी स्क्वाड्रन से किया जाएगा।
नौसेना की यह एयर स्क्वाड्रन समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के प्रयासों में एक और मील का पत्थर साबित होगी।
आईएनएएस 323 की कमान कमांडर समिक नंदी के पास है जो एक व्यापक परिचालन अनुभव वाले निपुण और अनुभवी एएलएच पायलट हैं।
सफ्रान इंजन और फुल ग्लास कॉकपिट लगाये गए
नौसेना के अनुसार विशेष संचालन क्षमताओं के अलावा एएलएच एमके-III में भारी मशीन गन, उन्नत किस्म के सेंसर फिट किए गए हैं।
हेलीकॉप्टर में एचएएल के इंटीग्रेटेड आर्किटेक्चर डिस्प्ले सिस्टम (आईएडीएस), अधिक शक्तिशाली शक्ति (सफ्रान अर्डीडेन 1 एच 1) इंजन और फुल ग्लास कॉकपिट लगाये गए हैं।
यह हेलीकॉप्टर कोच्चि स्थित नौसेना के भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा विकसित स्वदेशी लो फ्रिक्वेंसी डंकिंग सोनार (एलएफडीएस) से लैस हैं। इसमें 270 डिग्री कवरेज के साथ एक निगरानी रडार भी है जो कई समुद्री लक्ष्यों का पता लगा सकता है।