रांची: हेमंत सरकार (Hemant Government) के खिलाफ राज्य के पारा शिक्षक (Para Teacher) का आंदोलन जारी है।
पारा शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों पर जल्द विचार किया जाएगा, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
पारा शिक्षकों का कहना है कि सीएम हेमंत सोरेन अपने वादे से मुकर रहे हैं।
उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार बनने के 3 महीने के अंदर पारा शिक्षकों को स्थाई करने का वाद किया था।
लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं कर रही है।
इससे बड़ी संख्या में पारा शिक्षकों को मिलेगी राहत
इधर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा है कि पारा शिक्षक Para Teachers भी राज्य सरकार से अपनी मांगों के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
हमारी सरकार ने पारा शिक्षकों Para Teachers के लिए एक कमेटी बनाकर नियमावली तैयार की थी, जिसमें पारा शिक्षक संघ की भी सहमति थी।
इसे भी सरकार कैबिनेट में लाकर तुरंत लागू करे। इससे बड़ी संख्या में पारा शिक्षकों Para Teachers को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष बनाने का प्रस्ताव था। इससे किसी तरह की आपातकालीन स्थिति में पारा शिक्षकों Para Teachers की सहायता की जा सकेगी।
जेटेट परीक्षा के शीघ्र आयोजन की मांग
उन्होंने जेटेट परीक्षा के शीघ्र आयोजन की मांग की है। साथ ही कहा कि राज्य में 90 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं।
इनके भरने की प्रक्रिया भी यथाशीघ्र शुरू की जानी चाहिए। इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा।
उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान 2016 में जेटेट परीक्षा आयोजित की गयी थी।
इसमें 50 हजार से ज्यादा अभ्यार्थी पास हुए थे। इसके बाद लगभग 30 हजार शिक्षकों की नियुक्ति भी की गयी।
इस बीच 2021 तक लगभग पांच लाख छात्र-छात्राओं ने शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स को पूरा कर जेटेट के लिए योग्यता हासिल कर ली है लेकिन परीक्षा के आयोजन न होने से उनका भविष्य अंधकारमय बना हुआ है।
दास ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में योग्यता परीक्षा के लिए समयावधि की बाध्यता को समाप्त कर इसे जीवनपर्यंत कर दिया है। ऐसे में झारखंड सरकार भी इस निर्णय को तुरंत लागू करे।