मुंबई: नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने भारत और एशिया के प्रमुख अमीर कारोबारियों में से एक गौतम अडानी के तीन विदेशी फंड्स और एपीएमएस फंड के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं।
इनके पास अडानी ग्रुप की चार कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयर हैं।
एनएसडीएल की वेबसाइट के मुताबिक इन अकाउंट्स को 31 मई को या उससे पहले फ्रीज किया गया था।
इस खबर के बाद भारतीय शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कपंनियों में भारी गिरावट देखी गई। अडानी की 6 में से 5 कंपनियों को इस खबर के बाद लोअर सर्किट लग गया।
इन तीनों की अडानी एंटरप्राइजेज में 6.82 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी, अडानी टोटल गैस में 5.92 फीसदी और अडानी ग्रीन में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी है।
कस्टोडियन बैंकों और विदेशी निवेशकों को हैंडल कर रही लॉ फर्म्स के मुताबिक इन विदेशी फंड्स ने बेनिफिशियल ऑनरशिप के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी। इस वजह से उनके अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया गया है।
प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बेनिफिशियल ऑनरशिप के बारे में पूरी जानकारी देनी जरूरी है।
एक अधिकारी ने बताया कि कस्टोडियन अपने क्लाइंट्स को इस तरह की कार्रवाई के बारे में आगाह कर देते हैं लेकिन अगर फंड इस बारे में जवाब नहीं देता है या इसका पालन नहीं करता है तो अकाउंट्स को फ्रीज किया जा सकता है।
अकाउंट फ्रीज करने का मतलब है कि फंड न तो कोई मौजूदा सिक्योरिटीज बेच सकता है और न ही नई खरीद सकता है। इस बारे में एनएसडीएल, सेबी और अडानी ग्रुप को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।
ये तीन फंड सेबी में विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स के तौर पर रजिस्टर्ड हैं और मॉरीशस से अपना कामकाज चलाते हैं।
ये तीनों का पोर्ट लुई में एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं और इनकी कोई वेबसाइट नहीं है।