रांची: रिम्स RIMS में भर्ती मरीजों की भोजन व्यवस्था के लिए जारी टेंडर को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने रिम्स, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने चार सप्ताह में सभी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने कहा है कि इस बीच अगर टेंडर पर निर्णय किया जाता है, तो यह कोर्ट के अंतिम फैसले से प्रभावित होगा।
इस संबंध में ओम इंटरप्राइजेज कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि जेम पोर्टल को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के साथ एक एमओयू किया है और रिम्स ने एक मामले में हाई कोर्ट के खंडपीठ को बताया है कि एमओयू एवं केंद्र सरकार का संकल्प राज्य सरकार तथा उनकी एजेंसियों पर अनिवार्य रूप से लागू होता है।
इसके बावजूद रिम्स ने भोजन व्यवस्था के लिए जेम पोर्टल की बजाय सितंबर 2020 में सीधी निविदा निकाली है, जबकि इससे संबंधित सेवा जेम पोर्टल पर सूचीबद्ध है।
अपराजिता भारद्वाज ने कहा कि रिम्स को जेम पोर्टल पर ही निविदा जारी करनी चाहिए थी।
प्रार्थी भी जेम पोर्टल पर संबंधित सेवा के लिए सूचीबद्ध आपूर्तिकर्ता है।
ऐसे में रिम्स की ओर से जारी टेंडर को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इसलिए टेंडर को रद्द कर देना चाहिए।