न्यूज़ अरोमा रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में बुधवार को केंद्रीय समिति की बैठक हुई जिसमें मुख्य रुप से 12 बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि समय के साथ पंच के महत्व को कम किया गया है लेकिन आजसू पार्टी गांव की सरकार की कल्पना को हर हाल में साकार करेगी।
हमें वक्त के साथ सोच को बदलने की आवश्यकता है और झारखंड में भी पंचायत चुनाव को संजीदगी से लेने की ज़रूरत है जैसा कि बंगाल, ओडिसा और राजस्थान में होता है।
हमें कार्यकर्ताओं को तैयार करना होगा और राज्य के साथ ब्लॉक स्तर पर एजेंडा सेट करना होगा। जहाँ तक सरना धर्म कोड की बात है तो इस विषय पर आजसू पार्टी को छोड़कर किसी ने सदन में इस मुद्दे को नहीं उठाया लेकिन वर्तमान सरकार इसका क्रेडिट लेने में दिन-रात जुटी हुई है।
सरना धर्म कोड प्रकृति पूजक समाज की मांग है और उनके आस्था एवं विश्वास की बात है।
आज विधानसभा में विपक्ष की आवाज़ को दबाने की पूरजोर कोशिश की जा रही है। विधानसभा में बहस नहीं होगा तो हमारा झारखंड कमजोर होगा। यह समय झारखंड की जनता के बीच एक विकल्प देने का समय है।
पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए अब निर्णायक लड़ाई की जरुरत है। 29 दिसम्बर को वर्तमान सरकार के एक साल के कार्यों का लेखाजोखा लेकर आजसू पार्टी इस महागठबंधन सरकार को आईना दिखाने का कार्य करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल में झारखंडी विचारधारा को उभारने का वक्त आ चुका है।
जनहित के सभी मुद्दों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन एवं निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए आजसू पार्टी ने कमर कस ली है और सड़क से लेकर सदन तक हमारी आवाज़ गूंजेगी।
बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि झामुमो महागठबंधन की सरकार को अगर केंद्र का सहयोग प्राप्त नहीं होता तो कोरोना काल में राज्य में कोरोना से कम और भूखमरी से ज्यादा लोगों की मौत होती। यह सरकार हर मोर्चे पर विफल है।
मजदूरों के नाम पर सिर्फ और सिर्फ राजनीति हुई। आज भी राज्य के सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं और ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर लूट जारी है। ट्रांसफ़र पोस्टिंग का उद्योग जोरों पर है।
बैठक में विधायक लम्बोदर महतो, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, पूर्व मंत्री उमाकांत रजक, कमल किशोर भगत, अकिल अख्तर, पूर्व विधायक शिवपूजन मेहता, रौशनलाल चौधरी आदि उपस्थित थे।