रांची: प्रदेश भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा लातेहार जिला के गारू प्रखंड अंतर्गत पीरी गांव में हुए फर्जी मुठभेड़ की जांच की मांग मानवाधिकार आयोग से करेगी।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव ने रविवार को प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मृतक के परिजन को मुआवजा एवं नौकरी दे। साथ ही कहा कि मोर्चा ने एक उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया है।
शिवशंकर ने कहा कि लातेहार के गारू प्रखंड अंतर्गत पीरी गांव के टोला गैनाखड़ में एक निर्दोष ग्रामीण की पुलिस सुरक्षा बल झारखंड जगुआर के जवानों के द्वारा फर्जी मुठभेड़ दिखाते हुए गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई।
इसकी जांच के लिए प्रदेश की टीम ने 19 जून, 2021 को घटनास्थल का दौरा किया और मृतक परिवार सहित गांव वाले से मिलकर घटना की विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि यह घटना नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की घटना नहीं थी, लेकिन यह फर्जी मुठभेड़ थी।
पुलिस सुरक्षा बल द्वारा जानबूझकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। ग्रामीण नक्सली नहीं थे, बल्कि निरीह मासूम लोग थे।
ग्रामीण सरहुल त्योहार के एक दिन पहले परंपरागत प्रथा के अनुरूप जंगल की ओर शिकार खेलने जा रहे थे।
उन भुक्तभोगी ग्रामीणों के द्वारा हाथ उठाकर चिल्लाकर स्वयं को ग्रामीण बताने के बाद भी उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मृतक ब्राह्मण देव सिंह खरवार को पहली व दूसरी गोली जांघ और कमर में लगी थी, जिससे वह घायल होकर गिर गया था। फिर भी वह जीवित था।
सुरक्षाकर्मी उसे उठा कर नाला के उस पार जंगल में ले गए और कनपटी में तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी।
मृतक की पत्नी, उसकी मां और बहन के साथ-साथ गांव के कुछ लोग घायल पड़े ब्राह्मण देव को देखा था। जब नजदीक गए तो उन्हें भी बंदूक राइफल का डर दिखा कर के भगा दिया गया।
उन्होंने कहा कि मृतक की मां, बहन और पत्नी ने गोली चलने पर घर से बाहर आंगन में खड़े होकर चिल्ला चिल्लाकर मिन्नतें की लेकिन उनकी एक न सुनी गई।
झारखंड सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन पुलिस महकमा एवं पदाधिकारी, कर्मचारी अब तक किसी भी प्रकार का कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया, बल्कि घटना की लीपापोती करने का प्रयास कर रही है। यह अत्यंत गंभीर बात है।
शिवशंकर ने कहा कि मोर्चा के जांच दल की मांग है कि उक्त घटना की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा बल के अधिकारी और झारखंड जगुआर के जवानों पर न्यायिक कार्रवाई हो, उन्हें सजा मिले।
मृतक के परिवार को समुचित मुआवजा 20 लाख रुपये तत्काल दी जाए। मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए।
साथ ही यह भी कहा कि पीड़ित के परिवार को प्रशासन डरा-धमका रहा है।
उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर घटना की जांच तथा समुचित न्याय के लिए मोर्चा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से आग्रह करेगी। मोर्चा जनजाति परिवार को आर्थिक मदद भी करेगी।