नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की गति तो धीमी पडऩे लगी है, लेकिन नया वैरिएंट सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है।
पिछले दिनों देश में सामने आए कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी जारी है।
सरकार ने जानकारी दी है कि अब तक भारत के 18 जिलों में कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 मामले सामने आ चुके हैं।
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में मिले हैं। यहां पर अब तक 21 मामले मिल चुके हैं, जबकि मप्र में 7 मरीज सामने आए हैं।
पंजाब-गुजरात में 2-2, केरल में तीन, आंध्र प्रदेश में एक, तमिलनाडु में 3, ओडिशा में एक, राजस्थान में एक, जम्मू और कर्नाटक में भी एक-एक केस सामने आया है।
महाराष्ट्र में भी एक मौत
डेल्टा प्लस वैरिएंट की संख्या के बारे में जानकारी देते हुए एनसीडीसी के डायरेक्टर सुजीत सिंह ने कहा, भारत के 18 जिलों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 मामले मिल चुके हैं।
बता दें कि देश में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के दो मरीजों की जान जा चुकी है। महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट से पीडि़त 80 वर्षीय बुजुर्गा का निधन हो गया।
वहीं, मप्र के उज्जैन में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट के चलते पिछले दिनों एक महिला की मौत हो गई थी।
महिला और उसका पति, दोनों ही कोविड पॉजिटिव पाए गए थे।
इसके बाद शख्स तो पूरी तरह से ठीक हो गया था, लेकिन उसकी पत्नी की मौत हो गई।
महिला के पति ने बताया था कि उसने वैक्सीन लगवाई थी, लेकिन उसकी पत्नी को टीका नहीं लगा था।
कुछ हफ्तों के बाद तीसरी लहर की दस्तक
डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी होने की वजह से सरकार और एक्सपट्र्स अलर्ट हो गए हैं। जल्द ही कोरोना वायरस की तीसरी लहर की भी आशंका जताई गई है।
एक्सपट्र्स कह चुके हैं कि कुछ हफ्तों के बाद देश में तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। मालूम हो कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने काफी तबाही मचाई थी।
एक दिन में संख्या चार लाख से अधिक तक पहुंच गई थी, लेकिन अब यह मामले काफी कम हो गए हैं।
पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना वायरस के 51,667 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,01,34,445 हो गई है।
बीते एक दिन में महामारी की वजह से 1,329 लोगों की जान भी चली गई है।
अब तक 7 राज्यों में डेल्टा प्लस के केस आए
कोरोनावायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
देश में अब तक इस वैरिएंट के 50 केस सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 21 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। दू
सरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। यहां 7 केस सामने आए हैं और 2 लोगों की मौत भी हुई है। एक्सपट्र्स का मानना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है।
इसे देखते हुए सरकार ने दो दिन पहले महाराष्ट्र, मप्र और केरल को तैयार रहने के निर्देश भी दिए हैं। भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 मामले सामने आ चुके हैं।
राज्य केस मौतें
महाराष्ट्र 21 1
मप्र 7 2
केरल 3 0
तमिलनाडु 3 0
कर्नाटक 2 0
पंजाब 1 0
जम्मू 1 0
डेल्टा वैरिएंट की वजह से आई थी दूसरी लहर
भारत ने डेल्टा वैरिएंट की वजह से हाल ही में दूसरी खतरनाक लहर का सामना किया है। केस कम हो रहे हैं, पर उन्हें फरवरी के स्तर तक पहुंचने में जुलाई का दूसरा हफ्ता लग सकता है।
मई के अंत तक जुटाए गए 21 हजार कम्यूनिटी सैंपल्स में से 33 प्रतिशत में डेल्टा वैरिएंट मिला है।
यह वैरिएंट उस स्ट्रेन से बहुत अलग है, जिसके खिलाफ फार्मा कंपनियों ने मौजूदा वैक्सीन बनाई है।
अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में हुए टेस्ट बताते हैं कि वैक्सीन इफेक्टिव तो है, पर जब उन्हें डेल्टा जैसे वैरिएंट्स के खिलाफ जांचा गया तो वह कुछ ही एंटीबॉडी बनाने में सफल रहे हैं।
चिंता यह है कि डेल्टा वैरिएंट के कई नए रूप सामने आ चुके हैं।
भारत समेत कई देशों में यह प्रमुख वैरिएंट बनकर उभरा है।आगे चलकर भारत में यह महामारी के प्रबंधन में चुनौती बन सकता है।
अमेरिका के बाद भारत दूसरे स्थान पर
कोरोनावायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में आए हैं। वहां 83 केस है। वहीं 50 केस के साथ भारत दूसरे स्थान पर है।
वहीं ब्रिटेन में 36, पुर्तगाल में 22, स्विट्जरलैंड में 18, जापान में 15, पोलैंड में 9, नेपाल में 3, कनाडा और रूस में 1-1 केस सामने आए हैं।
दूसरी लहर में 776 डॉक्टरों ने दम तोड़ दिया
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 776 डॉक्टरों ने दम तोड़ दिया।
इनमें सबसे ज्यादा 115 डॉक्टरों की मौत दूसरी लहर के दौरान बिहार में हुई। इसके बाद दिल्ली में 109 डॉक्टरों की मौत हुई।
इसके बाद उत्तर प्रदेश में 79, पश्चिम बंगाल में 62, तमिलनाडु में 50, आंध्र प्रदेश में 40, असम में 10, गुजरात में 39 और झारखंड में 39 डॉक्टर की जान गई।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश में 16, महाराष्ट्र में 23, ओडिशा में 34, राजस्थान में 44 और तेलंगाना में 37 डॉक्टरों की मौत हुई।