देवघर: जिले के जसीडीह थाना क्षेत्र के चरकीपहाड़ी गांव में शनिवार को एक बीमार महिला की मौत पर दाह संस्कार के लिए पैसे न होने के कारण बेटे ने फांसी लगा ली।
फांसी लगाने वाले किशन चौधरी की मां तीन साल से लकवाग्रस्त थी। शुक्रवार को अचानक उसकी मौत हो गई।
परिवार के सभी सदस्य शादी में शामिल होने सारठ के सरपत्ता गए थे।
घर पर किशन और उसका परिवार था। सूचना के बाद परिजन देर शाम घर पहुंचे और शनिवार सुबह दाह-संस्कार का निर्णय लिया।
इस दौरान शव की देखरेख के लिए सभी सदस्य एक ही स्थान पर थे। मगर अचानक किशन अपने कमरे में चला गया।
शनिवार सुबह परिवार के सदस्यों ने उसे जगाने की कोशिश की मगर देर तक दरवाजा नहीं खुला तो परिजनों ने किसी प्रकार कमरे में झांककर देखा।
लोगों की नजर फांसी के फंदे से झूल रहे किशन के शव पर पड़ी।
घटना की जानकारी परिजनों ने पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मां और बेटे का शव अंत्यपरीक्षण के लिए भेज दिया।
पुलिस पूछताछ में परिजनों ने बताया कि किशन दिहाड़ी मजदूर था। लॉकडाउन में उसे रोज काम नहीं मिलता था।
वह मां के वृद्धा पेंशन और सरकारी राशन पर निर्भर था।
मां की मौत के बाद उसके सामने दाह-संस्कार और श्राद्धकर्म के लिए लिए पैसे नहीं थे।