इस्लामाबाद:अमेरिका के साथ पाकिस्तान के भविष्य के संबंधों से संबंधित एक सवाल का जवाब में प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा पाकिस्तान के पड़ोसी भारत की तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ज्यादा घनिष्ठ संबंध रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पूर्ववर्ती सरकारों ने क्षमता से अधिक अमेरिकी सरकारों के साथ मिलकर काम किया।
अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के दौर में पाकिस्तान अमेरिका के साथ बराबरी के रिश्ते चाहता है।
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान ने 9/11 हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में शामिल होने का विकल्प चुना था।
अब अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद हम व्यापारिक रिश्तों में सुधार चाहते हैं।
इमरान ने कहा कि अब हम अमेरिका के साथ बराबरी का रिश्ता चाहते हैं, जैसे कि उसके भारत या ब्रिटेन के साथ हैं।
उन्होंने कहा आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान और अमेरिका ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।
उन्होंने बताया कि इस युद्ध में 70000 पाकिस्तानियों की मौत हुई है। इमरान ने कहा बम विस्फोटों और आत्मघाती हमलों के कारण पाकिस्तान को 150 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान भी झेलना पड़ा।
इसके बावजूद अमेरिका, पाकिस्तान से और अधिक की उम्मीद कर रहा है और पाक सरकारों ने उसे यह देने की कोशिश भी की।
यह पूछे जाने पर कि क्या अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद पाकिस्तान अमेरिका के लिए अपने रणनीतिक महत्व को बरकरार रख पाएगा, तो प्रधानमंत्री ने कहा उन्होंने इस बारे में इस तरह से नहीं सोचा है।
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच सैन्य संबंधों के जवाब में इमरान ने कहा अमेरिका की वापसी के बाद, मुझे नहीं पता कि यह किस तरह का सैन्य संबंध होगा।