नई दिल्ली: भारत में भले ही कोरोना की दूसरी लहर अब उतार पर है, लेकिन ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक देश में 40,845 ब्लैक फंगस यानी के केस सामने आ चुके हैं।
इनमें से ज्यादातर मरीजों के दिमाग और नासिका तंत्र में संक्रमण हुआ है। सोमवार को केंद्र सरकार की कोरोना पर 29वीं मीटिंग के दौरान यह डेटा जारी किया गया है।
अब तक देश में 40,845 केस ब्लैक फंगस के मिले हैं, जिनमें से 31,344 मामले ऐसे हैं, जिनमें मरीजों के दिमाग या फिर नासिका तंत्र में इन्फेक्शन हुआ है। इस जाता है।
इसके चलते दिमाग, नासिका तंत्र, मुंह आदि में फंगस जम जाता है। हेल्थ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘अब तक ब्लैक फंगस के चलते 3,129 लोगों की मौत हो चुकी है।
ब्लैक फंगस के मरीजों में से 34,940 को कोरोना हुआ था। इसके अलावा 64 फीसदी यानी 26,187 लोगों को गंभीर बीमारियां थीं।
इसके अलावा 52.69 फीसदी लोग ऐसे थे, जिन्हें स्टेरॉयड लेने के चलते यह इन्फेक्शन हुआ है।’ यही नहीं ब्लैक फंगस भी कोरोना की तरह ही हर आयु वर्ग के लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ब्लैक फंगस की चपेट में आने वाले 32 फीसदी मरीजों की आयु 18 से 45 वर्ष तक थी। इसके अलावा 17,464 मरीज ऐसे रहे, जिनकी आयु 45 से 60 साल के बीच भी है।
वहीं 60 साल से अधिक आयु के 24% यानी 10,082 लोग इसका शिकार हुए हैं। हालांकि इस बीच कोरोना की दूसरी लहर से तेजी से राहत मिल रही है।
कोरोना पर मंत्री समूह की मीटिंग में मौजूद रहे आईसीएमआर चीफ बलराम भार्गव ने कहा कि भले ही दूसरी लहर अब कमजोर पड़ रही है। लेकिन अब भी सावधान रहने की जरूरत है।
इसकी वजह यह है कि अब भी देश के 80 जिले ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा है। भार्गव ने कहा कि इस स्टेज पर हमें किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है।
एक्टिव केसों की बात करें तो फिलहाल महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी औसत राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा है।
इसके अलावा देश के 19 राज्यों से राहत की खबर है। यहां हर दिन कोरोना से मरने वालों की संख्या अब सिंगल डिजिट में ही रह गई है।
वहीं महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में अब भी कोरोना से मरने वालों की संख्या हर दिन 100 से ज्यादा बनी हुई है।