मुजफ्फरपुर: बिहार की एक अदालत में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया गया है, जिसमें उनपर अपने बयान से देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है।
मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रकिशोर पराशर ने अपने अधिवक्ता कमलेश के द्वारा जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ गुरुवार को एक परिवाद पत्र दायर किया है।
परिवाद पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की व्यवस्था दुरूस्त करने के उद्देश्य से सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
बैठक के पहले और बाद में पूर्व मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली, विशेष राज्य का दर्जा पुन: बहाल करने के विषय में राज्य की जनता के साथ-साथ पाकिस्तान से बात करने की मांग कर दी।
परिवाद पत्र में आरोप लगाया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य जम्मू कश्मीर में शांति बहाली और लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करने और भ्रम फैलाते हुए देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालना है।
पराशर ने परिवाद पत्र में कहा कि समाचार पत्रों और समाचार चैनलों में मुफ्ती की टिप्पणियों की खबरों से वे आहत हुए हैं और उन्हें मानसिक अशांति पहुंची है।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि सात जुलाई मुकर्रर की है।