नई दिल्ली: कई राज्यों में लॉकडाउन में ढील के बाद राजमार्गों पर यातायात बढ़ने पर फास्टैग के जरिए होने वाला टोल संग्रह कोविड की दूसरी लहर से पहले रिकॉर्ड किए स्तर तक पहुंच गया है।
1 जुलाई 2021 को 63.09 लाख रुपये के लेनदेन के साथ, देशभर में फास्टैग के जरिए होने वाला टोल कलैक्शन 103.54 करोड़ रुपये हो गया है।
फास्टैग के जरिए इलैक्ट्रॉनिक टोल संग्रह देशभर में 780 सक्रिय टोल प्लाजा पर संचालित हो रहा है।
जून 2021 में टोल संग्रह बढ़कर 2,576.28 करोड़ रुपये हो गया जो कि मई 2021 में वसूले गए 2,125.16 करोड़ रुपये से लगभग 21 प्रतिशत अधिक है।
लगभग 3.48 करोड़ उपयोगकर्ताओं के साथ, देशभर में फास्टैग का इस्तेमाल करीब 96 प्रतिशत तक हो रहा है और कई टोल प्लाजा पर इसका इस्तेमाल 99 प्रतिशत तक होता है।
एक अनुमान के मुताबिक, फास्टैग प्रतिवर्ष ईंधन पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत करेगा, जिससे कीमती विदेशी मुद्रा की बचत होगी और पर्यावरण की भी मदद होगी।
राजमार्ग का उपयोग करने वालों द्वारा फास्टैग अपनाने से और इसकी निरंतर वृद्धि से सभी राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा पर प्रतीक्षा समय में काफी कमी आई है।