नई दिल्ली: लक्षद्वीप प्रशासन ने कांग्रेस नेताओं को द्वीप समूह आने की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि राजनीतिक क्रियाकलाप के लिए उनकी इस यात्रा से शांतिपूर्ण माहौल में बाधा पैदा होगी।
इस द्वीप समूह में लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन के मसौदे को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
अब कांग्रेस ने कहा कि अगर नेताओं को लक्षद्वीप में एंट्री नहीं दी गई तो ये मुद्दा हाई कोर्ट तक जाएगा।
प्रशासन ने कहा कि ऐसी भी संभावना है कि ये नेता द्वीप समूह के बहुत सारे लोगों से मिलेंगे जिससे द्वीप समूह में कोविड और फैल सकता है।
अतिरिक्त जिलाधिकारी एस असकर अली ने अपने आदेश में कांग्रेस नेताओं टी एन प्रतापन, हिबी इडेन और ऑल इंडिया फिशरमैन कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार को द्वीप पर आने की अनुमति नहीं दी और कहा कि उनकी यात्रा राजनीतिक कार्रवाई जान पड़ती है।
कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन ने कहा है, ‘कलेक्टर का कहना है कि अगर हम द्वीप समूह गए तो यह कानून व्यवस्था का मसला होगा। कैस? अपने साथी नागरिकों से मिलना कानून व्यवस्था बिगाड़ना नहीं है।
हम लक्षद्वीप प्रशासक के सामने यह मुद्दा उठा रहे हैं। अगर उन्होंने भी यही जवाब दिया तो हम हाईकोर्ट जाएंगे और संसद में लक्षद्वीप का मुद्दा उठाएंगे।