खूंटी: विश्व में लगातार बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग की चिंताओं के प्रति हमें सजग होने की आवश्यकता है।
हम सभी जंगलों को नया जीवन देकर पौधे लगाकर पेड़ों की सुरक्षा खूंटी करें
साथ ही बारिश के पानी को संरक्षित कर तालाब और अन्य जलाशयों का निर्माण और उसका संरक्षण कर पर्यावरण को संतुलित एं एवं सतत विकास की ओर कदम बढ़ाएं।
ये बातें जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कही। केंद्रीय मंत्री सोमवार को कर्रा प्रखण्ड के हाईटेक नर्सरी काटमकुकु में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, वन प्रमंडल खूंटी के तत्वावधान में आयोजित वन महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
इसके पूर्व मंत्री ने उपायुक्त शशि रंजन, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर, उप विकास आयुक्त और वन प्रमण्डल पदाधिकारी के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
मंत्री ने कहा कि कहा कि हमारे चारों ओर का कवच पर्यावरण है। वातावरण का संतुलित होना ही सुरक्षित पर्यावरण की नींव है। यहां की जनजाति प्रकृति पूजक है। जल, जंगल और जमीन खूंटी की संस्कृति का आधार है।
हमारे ग्रामीण क्षेत्र के लोग जागरूक और समझदार हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना ने पूरे विश्व की दिशा और दशा को बदल दिया है।
आपदा की इन परिस्थितियों में हर व्यक्ति को सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
मंत्री ने कहा कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन की प्रचुरता पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन से ही संभव है।
ऑक्सीजन बढ़ाने का सबसे कारगर उपाय प्रकृति की सुरक्षा एवं संवर्धन है। इसके लिए लोगों में जागरूकता आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इस अवसर पर आज सभी को पौधा लगाने.पेड़ बचाने का दृढ़ संकल्प लेने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति को बचाना हर इंसान का कर्तव्य है। समय रहते हम सभी को एक साथ आकर सहयोगात्मक एवं समन्वय की भावना से स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण के लिए काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन को अभियान के रूप में लें। इससे आर्थिक आमदनी बढ़ेगीए खेतों में हरियाली आएगी और ऑक्सीजन की स्तर भी बढ़ेगी।