चंडीगढ़/ जालंधर: पंजाब पुलिस ने मंगलवार को पाकिस्तान के आईएसआई (इंटर-सर्विसिज़ इंटेलिजेंस) के लिए जासूसी करने और गोपनीय दस्तावेज़ मुहैया कराने के आरोप में भारतीय सेना के दो जवानाें की गिरफ्तारी के साथ सीमा पार से जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।
गिरफ्तार किये आरोपितों की पहचान सिपाही हरप्रीत सिंह (23) जो अमृतसर के गांव चीचा का रहने वाला है और अनंतनाग में तैनात था, के तौर पर हुई है। वह 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से संबंधित है।
सिपाही गुरभेज सिंह (23), तरनतारन के गांव पूनीयां का निवासी है, जो 18 सिख लाइट इन्फेंटरी से संबंधित है और कारगिल में क्लर्क के तौर पर काम करता था। वह साल 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था।
यह जानकारी साझा करते हुए डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने बताया कि एसएसपी नवीन सिंगला के नेतृत्व में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने एनडीपीएस केस की जांच करते हुए सरहद पार के नशा तस्कर रणवीर सिंह, जिसको 24 मई, 2021 को 70 ग्राम हेरोइन समेत गिरफ्तार किया गया था, से भारतीय सेना की कार्य प्रणाली और तैनाती संबंधी गुप्त दस्तावेज़ बरामद किये थे।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान रणवीर ने खुलासा किया कि उसको यह दस्तावेज़ उसे सिपाही हरप्रीत सिंह, जो उसका दोस्त है और वह दोनों एक ही गांव के निवासी हैं, से मिले हैं।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि रणवीर ने सिपाही हरप्रीत सिंह को सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज़ साझा करने के लिए वित्तीय लाभ देने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उसने अपने दोस्त सिपाही गुरभेज को इन देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कर लिया।
गुप्ता ने बताया कि चूंकि गुरभेज 121 इन्फेंटरी ब्रिगेड हेडक्वार्टर, कारगिल में बतौर क्लर्क काम कर रहा था इसलिए उसको भारतीय सेना से जुड़े रणनीतिक और युद्ध नीतियों संबंधी जानकारी वाले इन गोपनीय दस्तावेज़ों तक पहुंचाना सुविधाजनक था।
उन्होंने बताया कि दोनों दोषी जवानों ने फरवरी से मई 2021 दरमियान 4 महीनों में देश की सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक गोपनीय दस्तावेज़ों की फोटो साझा की, जिनको दोषियों ने आगे पाकिस्तानी ख़ुफ़िया जानकारी अधिकारी के हवाले कर दिया था।
डीजीपी ने खुलासा किया कि रणवीर आगे यह क्लासीफाइड दस्तावेज या तो पाकिस्तान आईएसआई के गुर्गों को सीधे तौर पर या अमृतसर के गांव डौके मुख्य नशा तस्कर गोपी के द्वारा भेजता था।
महत्वपूर्ण बात यह है कि गोपी, पाकिस्तान स्थित नशा तस्करी करने वाले सिंडिकेट और आईएसआई अधिकारियों के संपर्क में था और उनके साथ मिल कर काम करता था।
डीजीपी ने आगे बताया कि रणवीर के खुलासों के बाद पुलिस ने गोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कबूला कि उसने हेरोइन की सप्लाई और वित्तीय लाभ के बदले में क्लासीफाइड दस्तावेज पाकिस्तान आधारित नशा तस्कर कोठार और एक कथित पाक आईएसआई गुर्गा सिकंदर को उपलब्ध करवाए थे, के तौर पर हुई है। उन्होंने आगे बताया कि यह सभी तस्वीरें इनक्रिपटड एप्स के द्वारा भेजी गई थीं।
डीजीपी गुप्ता ने बताया कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक हरप्रीत सिंह और गुरभेज सिंह को गुप्त जानकारी साझा करने के बदले पैसे दिए जाते थे। उन्होंने कहा कि रणवीर सिंह की तरफ से हरप्रीत सिंह को पैसा भेजा जाता था जो आगे इसको गुरभेज के खाते में ट्रांसफर कर देता था।
एसएसपी नवीन सिंगला ने बताया कि फौज के अधिकारियों ने दोनों आरोपित फौजियों को जालंधर ग्रामीण पुलिस के हवाले कर दिया है और अन्य दोषी व्यक्तियों के सम्मिलित होने का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।